आजकल लव मैरिज करना आम बात है लेकिन आपको बता दे की छोटी जगहों में आज भी प्रेम विवाह को गलत माना जाता है।

गाँवो और छोटे कस्बो में तो प्रेम विवाह को घर का अपमान माना जाता है कई जगहों पर तो लव मैरिज की वजह से घर वालो ने अपने बच्चो की जान ले ली और अगर किसी ने लव मैरिज कर भी ली तो उसे घर से निष्काषित कर लिया जाता है।

घर वाले कई तरह से प्रताड़ित करते है लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी की प्राचीन समय में लड़कियों ने न सिर्फ प्रेम विवहा किया बल्कि अपने होने वाले पतियों का हरण भी किया आज हम आपको बताते है की कौन है वो स्तरीय जिन्होंने प्रेम विवाह में पतियों का हरण किया।

सुभद्रा :सुभद्रा श्रीकृष्ण की बहन थी उन्होंने अर्जुन से विवाह किया था सुभद्रा अर्जुन से प्रेम करती थी लेकिन उनके बड़े भाई बलराम उनकी शादी अर्जुन से नहीं करना चाहते थे बलराम सुभद्रा का विवाह दुर्योधन से करवाना कहते थे जबकि कृष्ण चाहते थे की सुभद्रा का विवाह अर्जुन से हो इसलिए विवाह के दोराम जब सुभद्रा पूजा के लिए गयी तो अर्जुन सुभद्रा का हरण करने के लिए पहुंची।

लेकिन कृष्ण ने रथ का सारथि सुभद्रा को बनने के लिए कहा और जब सुभद्रा हरण की बात फैली तो बलराम और दुर्योधन अर्जुन से युद्ध करने के लिए खड़े हुए लेकिन जब देखा की रथ की सारथि सुभद्रा है तो बलराम को ये विवाह स्वीकार करना पड़ा।

रुक्मणि :रुक्मणि राजा भीष्मक की इकलौती पुत्री थी वो चार भाईओं की इकलौती बहन थी जो भगवान कृष्ण से प्रेम करती थी और उनसे विवाह करना चाहती थी जबकि उनके चारो भाई भगवान कृष्ण से नफरत करते थे वो अपनी बहन का विवाह शिशुपाल से करवाना चाहते था लेकिन वो शिशुपाल से विवाह नहीं करना चाहती थीशिशुपाल से विवाह तय होने पर रुक्मणि काफी दुखी थी इसलिए एक पंडित को भवन कृष्ण के पास संदेश लेकर भेजा की वो शिशुपाल से विवाह नहीं करना चाहती इसलिए जब वो विवाह के दोराम कुल देवी की पूजा करने मंदिर जाएगी तो भगवान कृष्ण उन्हें वहाँ से ले जाये रुक्मणि का संदेश पढ़कर कृष्ण रुकमणि के विवाह के एक दिन पहले जब रुकमणि को कुल देवी के मंदिर ले गए थे।

तब भगवान कृष्ण रुकमणि को लेने पहुंचे और वहां पहुंचकर रुकमणि को कहा कि रुकमणि मै तुमको लेने आया हूँ लेकिन रथ तुमको चलाना होगा ऐसा करने पर तुम्हारे भाई मेरे ऊपर अपहरण का इल्जाम नहीं लगा पाएंगे और युद्ध टल जायेगा भगवान कृष्ण की बात मान रुक्मणि ने रथ चलाया और इस तरह रुक्मणि भगवान कृष्ण को भगाकर ले आयी और कृष्ण और रुक्मणि का प्रेम विवाह हुआ।
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गाँवो और छोटे कस्बो में तो प्रेम विवाह को घर का अपमान माना जाता है कई जगहों पर तो लव मैरिज की वजह से घर वालो ने अपने बच्चो की जान ले ली और अगर किसी ने लव मैरिज कर भी ली तो उसे घर से निष्काषित कर लिया जाता है।

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सुभद्रा :सुभद्रा श्रीकृष्ण की बहन थी उन्होंने अर्जुन से विवाह किया था सुभद्रा अर्जुन से प्रेम करती थी लेकिन उनके बड़े भाई बलराम उनकी शादी अर्जुन से नहीं करना चाहते थे बलराम सुभद्रा का विवाह दुर्योधन से करवाना कहते थे जबकि कृष्ण चाहते थे की सुभद्रा का विवाह अर्जुन से हो इसलिए विवाह के दोराम जब सुभद्रा पूजा के लिए गयी तो अर्जुन सुभद्रा का हरण करने के लिए पहुंची।

लेकिन कृष्ण ने रथ का सारथि सुभद्रा को बनने के लिए कहा और जब सुभद्रा हरण की बात फैली तो बलराम और दुर्योधन अर्जुन से युद्ध करने के लिए खड़े हुए लेकिन जब देखा की रथ की सारथि सुभद्रा है तो बलराम को ये विवाह स्वीकार करना पड़ा।

रुक्मणि :रुक्मणि राजा भीष्मक की इकलौती पुत्री थी वो चार भाईओं की इकलौती बहन थी जो भगवान कृष्ण से प्रेम करती थी और उनसे विवाह करना चाहती थी जबकि उनके चारो भाई भगवान कृष्ण से नफरत करते थे वो अपनी बहन का विवाह शिशुपाल से करवाना चाहते था लेकिन वो शिशुपाल से विवाह नहीं करना चाहती थीशिशुपाल से विवाह तय होने पर रुक्मणि काफी दुखी थी इसलिए एक पंडित को भवन कृष्ण के पास संदेश लेकर भेजा की वो शिशुपाल से विवाह नहीं करना चाहती इसलिए जब वो विवाह के दोराम कुल देवी की पूजा करने मंदिर जाएगी तो भगवान कृष्ण उन्हें वहाँ से ले जाये रुक्मणि का संदेश पढ़कर कृष्ण रुकमणि के विवाह के एक दिन पहले जब रुकमणि को कुल देवी के मंदिर ले गए थे।

तब भगवान कृष्ण रुकमणि को लेने पहुंचे और वहां पहुंचकर रुकमणि को कहा कि रुकमणि मै तुमको लेने आया हूँ लेकिन रथ तुमको चलाना होगा ऐसा करने पर तुम्हारे भाई मेरे ऊपर अपहरण का इल्जाम नहीं लगा पाएंगे और युद्ध टल जायेगा भगवान कृष्ण की बात मान रुक्मणि ने रथ चलाया और इस तरह रुक्मणि भगवान कृष्ण को भगाकर ले आयी और कृष्ण और रुक्मणि का प्रेम विवाह हुआ।
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