उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिता का आज 89 की उम्र में देहांत हो गया।

पिछले महीने से दिल्ली के एम्स हॉस्पिटल में भर्ती थे उन्हें एयर एंबुलेंस से उनके गांव ले जाया गया।

आज हम आपको सीएम योगी और उनके पिता के बारे में एक बड़ा किस्सा बताने जा रहे हैं यह किस्सा उस समय का है जब योगी ने सन्यासी जीवन स्वीकार कर लिया था।

सीएम योगी अपने पिता के उत्तराखंड के यमकेश्वर के पचोर गांव में रहते थे उनके पिता फॉरेस्ट रेंजर के पद से 1993 में रिटायर हो गए थे योगी आदित्यनाथ को अपने गांव से निकले हुए लगभग 6 महीने बीत गए थे इस बात से उनके पिता बड़े परेशान रहते थे।

एक दिन आदित्यनाथ की बहन ने अखबार में एक खबर पढ़ी जिसमें गोरखपुर के सांसद और गोरक्ष पीठाधीश्वर उत्तराधिकारी की घोषणा की थी योगी आदित्यनाथ उनके उत्तराधिकारी थे उनकी बहन ने जैसे ही एक खबर पढ़ी अपने पिता को बताया और बेटी की बात सुनकर आनंद बिष्ट अपने बेटे से मिलने के लिए गोरखनाथ मंदिर पहुंच गए।

गोरखपुर मंदिर में भगवाधारी अपना सिर मुंडा है फर्श की सफाई करते बिना जब उन्होंने उसे देखा तो बेटा आदित्यनाथ था अपने बेटे का यह अवतार देख कर वो हैरान हो गये और कहां की बेटा यह क्या हाल बना रखा है चलो मेरे साथ चलो लेकिन योगी नहीं माने।

परेशान पिता को देखकर पीठाधीश्वर ने कहा कि आपके पास 4 पुत्र हैं क्या आप एक पुत्र अब समाज सेवा के लिए नहीं दे सकते हैं यह सुनने के बाद आनंद निरुत्तर हो गए।
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