भारत और चीन के बीच लद्दाख में जारी विवाद सोमवार रात को हिंसक झड़प में तब्दील हो गया।
इस झड़प में भारतीय सेना का एक अफसर और जवान शहीद हो गए यह घटना तब हुई जब सोमवार रात को गलवान घाटी के पास दोनों देशों के बीच बातचीत के बाद सब कुछ सामान्य स्थिति आगे बढ़ रही थी इसी विवाद के बीच जानते हैं कि आखिर चीन और भारत के बीच झड़प में गोलाबारी क्यों नहीं होती क्या है साल 1993 में वह समझौता जो तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव ने चीन की यात्रा के दौरान किया था।
बता दें की चीन के साथ लगी लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल करीब 3488 किलोमीटर की है जबकि चीन मानता है कि यह सब 2000 किलोमीटर तक की है साल 1993 में तत्कालीन चीनी प्रधानमंत्री ली पेंग भारत दौरे पर आई थी तत्कालीन प्रधानमंत्री पी वी नरसिम्हा राव शांति बनाए रखने को लेकर बातचीत की थी इसके बाद प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव 1993 में चीन के दौरे पर गए इसी दौरान दोनों देशों के बीच LAC पर शांति बरकरार रखने के लिए एक समझौता किया गया समझौते के तहत 9 बिंदुओं पर आम सहमति बनी इसमें से 8 बहुत महत्वपूर्ण माने गई थे।
समझौते को भारत के गतकालीन विदेश राज्य मंत्री आर एल भाटिया और तत्कालीन चीनी उप विदेश मंत्री तांग जियाशुआन ने साइन किया था इसी समझौते की मुख्य बात यह थी कि भारत चीन सीमा विवाद को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने पर जोर दिया जाएगा इसमें तय हुआ कि एक दूसरे के पक्ष खिलाफ बल या सेना के प्रयोग की धमकी नहीं दी जाएगी दोनों देशों की सेनाओं की गतिविधियां वास्तविक नियंत्रण रेखा से आगे नहीं बढ़ेगी एक पक्ष के जवान वास्तविक नियंत्रण रेखा को पार करते हैं तो संकेत मिलते हैं तत्काल वास्तविक नियंत्रण रेखा में वापस चले जाएंगे।
दोनों देशों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों के लिए वास्तविक नियंत्रण रेखा पर हर पक्ष की ओर से कम से कम सैन्य बल रखा जाए नियंत्रण रेखा पर सैन्य बलों की सीमा इसकी संख्या बढ़ाने आदि के लिए दोनों देशों के बीच आपसी सलाह मशवरा करके निर्धारित होगा समझौते के अनुसार दोनों पक्ष विश्वास बहाली के उपायों के जरिए वास्तविक नियंत्रण रेखा के इलाकों में काम करेंगे।
सहमति से बनाए गए क्षेत्रों में कोई भी पक्ष सैन्य अभ्यास के स्तर पर कार्य नहीं करेगा हर पक्ष समझौते के तहत वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास अलग-अलग स्तरों के सैन्य अभ्यास की पूर्व सूचना देगा भारत चीन के एलएसी पर दोनों तरफ से हवाई हमला ना हो इसके लिए समझौते में तय किया गया दोनों देशों के एयरफोर्स सीमा क्रॉस नहीं करेगी दोनों वास्तविक नियंत्रण की रेखा की स्थित क्षेत्रों में एयर एक्साइज हवाई अभ्यास पर संभावित प्रतिबंधों पर भी विचार करेगी।
1993 के समझौते के अनुसार सीमा से जुड़े मसलों पर दोनों देशों की तरफ से एक ज्वाइंट वर्किंग ग्रुप बनाया जाएगा जिसमें कूटनीति और सेना के विशेषज्ञ होंगे ग्रुप का गठन भी आपसी परामर्श से होगा इस तरह के तमाम समझौतों के बावजूद पर जवानों एलएसी पर जवानो के शहीद होने की खबर आई है भारत सेना की ओर से जारी किए गए आधिकारिक बयान में कहा गया है कि घाटी में सोमवार की रात डी एस्केलेशन प्रक्रिया के दौरान भारत और चीन के बीच हुई इस दौरान भारतीय सेना के 2 जवान और एक अफसर शहीद हो गए दोनों के वरिष्ठ अधिकारी इस मामले को शांत करने के लिए बड़ी बैठक कर रहे हैं।
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