मुश्किल समय में सकारात्मक रहने का तरीका सीखना है तो गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई का संदेश अहम जरिया हो सकता है।
उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए आशावादी बने रहे , खुले विचार रखने और उत्सुक रहने की सलाह दी है कोरोना वायरस के कारण जहां दुनिया का संकट का सामना करना पड़ रहा है ऐसे में गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई का संदेश है उन्होंने दुनियाभर के छात्रों को स्नातक समारोह के जरिए संबोधित किया है अपने संबोधन में सुंदर मुश्किल की घड़ी में सकारात्मक रहने के महत्व को बताया उन्होंने उन चुनौतियों को साझा किया जिसका उन्हें भारत छोड़ते वक्त सामना करना पड़ा था।
उन दिनों को याद कर उन्होंने कहा मेरे पिता ने स्टैंडफोर्ड की पढ़ाई के लिए मेरे विमान किराए पर 1 साल का वेतन खर्च कर कर दिया था ये विमान का मेरा यह पहला सफर था अमेरिका महंगी जगह थी घर फोन करने पर प्रति मिनट 2 डॉलर खर्च करना पड़ता था उन्होंने तकनीकी सुविधा के बिना अपने पुराने दिनों को याद कर अपनी तुलना उन बच्चों से कि जिनके पास हर तरह और हर आकार के कंप्यूटर है।
उन्होंने कहा मेरे पास तकनीकी की सुविधा नहीं थी 10 साल की उम्र तक तो हमारे पास टेलीफोन भी नहीं था सुंदर पिचाई ने कहा पढ़ाई के लिए अमेरिका आने तक मेरे पास कंप्यूटर भी नहीं था जब हमारे यहाँ टेलीविजन आया तब उस वक्त सिर्फ एक चैनल की पहुंच थी आपको बता दें कि सुंदर पिचाई चेन्नई में पढ़े है उन्होंने अपने कैरियर की शुरूआत इंजीनियर के तौर पर कि फिर 2004 में गूगल के अंदर बतौर मैंने जो मैनेजमेंट में जुड़े फिर उसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा कामयाबी की सीढ़ियां चढ़ते चढ़ते सीईओ मुकाम तक पहुंचे जिस कार्यक्रम को सूंदर संबोधित कर रहे थे उसमें पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा उनकी पत्नी मिशेल ओबामा के अलावा कई जानी-मानी हस्तियां शामिल थी।
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