ग्रेजुएट असफल व्यवसायी ने ऐसे खेती से बनाया खुद को कामयाब किसान ,बंजर जमीन में कर रहा है सेब और बादाम की खेती

उसमें हौसला था और कुछ नया कर गुजरने की तमन्ना फिर क्या था उसने रेतीली जमीन पर एक घास का तिनका  ही नहीं होता था वहां उसने खुशियों का चमन बसा लिया और एक हरा भरा उपवन खड़ा कर दिया। 

Haryana farmer wrote new text from passion and now made beautiful ...

यह है ग्रेजुएट प्रगतिशील किसान राहुल दहिया गांव रहमान के प्रगतिशील किसान राहुल दहिया उन सबके लिए प्रेरणा पुंज है जो असफल होने पर हिम्मत हार बैठते हैं उन्होंने हौसले के बल पर रेतीली जमीन में खुशियों का भरा -पूरा चमन बसा लिया है और उजाड़ में बंजर जमीन से उन कामयाब की बेमिसाल इबारत लिखी है उन्होंने रेतभरी जमीन में बागवानी से खुद की करोड़ों की कमाई की और अब दूसरों किसानों को राह दिखा रहे हैं। 

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अब दूर-दराज तक सेव, बदाम कि पौधों की मांग पूरी कर रहे  हैं पड़ोसी राज्य पंजाब ,राजस्थान तक की राज्यों की किसान व्यवसाय छोड़ खेती अपनाने वाले इस किसान के मुरीद बन गए  राहुल की कर्मठता की गूंज ऐसी है कि राज्य ग्रामीण मिशन व राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड ने उन्हें बिल काटकर पौधे  बेचने के लिए अधिकृत कर दिया लेकिन इन तमाम उपलब्धियों के पीछे ग्रेजुएट राहुल से जुड़ी प्रेरक कहानी भी है। 

रेतीले इलाके में सेब उगाकर इस किसान ...

करीब 16 साल पहले टेंट के व्यवसाय में आए थे लेकिन उनका व्यापार नहीं चल सका राहुल का व्यवसाय फ्लॉप रहा लेकिन हौसला हमेशा उनका साथ था इसलिए करीब 14 एकड़ पुश्तैनी जमीन पर हीजोर आजमाने  की ठानी यहां भी  स्थतियाँ अनुकूल  नहीं थी अधिकतर जमीने रेतीली थी पानी का आभाव था शुरुआती चरण में बागवानी फेल हो गई उन्होंने कृषि विशेषज्ञों से राय ली और उनकी जमीन के अनुकूल बागवानी शुरू कर दी। 

रेतीले टिब्बों पर पैदा किया सेब ...

हौसले की पीठ पर   मेहनत रंग लाई 2 एकड़ जमीन पर अमरूद का बाग भी लगाया था फिर आड़ू  का बाग लगाए इसके बाद राहुल के दिन फिरने शुरू हो गए अब तो खेत में सेव ,नाशपाती ,बादाम ,अंगूर सहित अनेक पौधे लगाए हुए हैं जिनके फल आ रहे  रहे हैं शुरुआत में  बागवानी  के लिए उपयुक्त पौधे नहीं मिलने के कारण 8 साल तक उन्हें नुकसान उठाना पड़ा लाभ की जगह हानि से खुद की नर्सरी तैयार कर दी। 

बादाम (Almonds) के अधिकतम उत्पादन एवं ...

अब खुद की नर्सरी में 40 से अधिक प्रकार के फलों के पौधे हैं यहां तक खुद के खेत में  सेब ,आम के साथ बादाम के पौधे भी तैयार कर दिए राहुल बताते हैं कि उनकी श्री बालाजी नर्सरी आ चेयरमैन रूट फ्रॉम रहमान के नाम से संचालित नर्सरी को पिछले साल राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड से मान्यता मिल गई करीब 20 लोगों को रोजगार मिला हुआ है जबकि 100 से ज्यादा लोगों को फलो को तोड़ने और मंडी में पहुंचाने का काम मिला हुआ है बागवानी से पहले खुद को परेशानी थी अब आय हो जाती है। 

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