हिन्दुओ में चार धाम की यात्रा का बहुत बड़ा महत्व होता है चार धाम की यात्रा में जगन्नाथ पूरी को भी माना जाता है उड़ीसा के पूरी में स्थित में इस मंदिर में विराजमान भगवान जगन्नाथ को विष्णु को अलौकिक रूप माना जाता है।
हर वर्ष यहाँ लाखों लोग दर्शन के लिए आते है ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा को प्रत्येक साल जगन्नाथ रथयात्रा का उत्सव मनाया जाता है इस वर्ष 4 जुलाई को निकाली जाएगी भगवान जगन्नाथ पूरी का मंदिर उड़ीसा का प्रसिद्ध मंदिर है और ये भारत के साथ पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है।
ये मंदिर भगवान विष्णु के आठवे अवतार माने जाने वाले श्री कृष्ण को समर्पित है हिन्दू पुराणों में जगन्नाथ मंदिर को धरती का बैकुंठ भी कहा जाता है ज्येष्ठ पूर्णिमा से आषाढ़ पूर्णिमा तक भगवान जगन्नाथ शीट निंद्रा में रहते है इस दौरान मंदिर के कपाट भक्तो के लिए बंद रहते है इस दौरान ना पूजा होती है और न ही भगवान के दर्शन होते है।
दरअसल जगन्नाथ रथयात्रा के उत्सव के आयोजन से 15 दिन पहले अर्थात् 17 जून को भगवान जगन्नाथ को स्नान कराया गया था अब भगवान जगन्नाथ 15 दिनों के लिए अणवसर गृह में चले गए हैं जिसके कारण वो दर्शन नहीं दे पा रहे है जगन्नाथ यात्रा की शुरुआत उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के स्नान के साथ होती है इसी यात्रा को'देव स्नान यात्रा’ कहा जाता है।
ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन मंत्रोच्चारण के साथ जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा का जलाभिषेक कराया जाता है मंदिर के अंदर स्थित सोने के कुएं से उनके स्नान के लिए पानी निकाला जाता है मान्यता है की स्नान के बाद भगवान जगन्नाथ अपने भाई और बहन के साथ 15 दिनों के लिए बीमार पड़ जाते है जिसके कारण वो 15 दिनों तक विश्राम करते है और भक्तो को दर्शन नहीं देते है।
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