ऑटो इंडस्ट्री इस समय काफी बुरे दौर से गुजर रही है ऑटो इंडस्ट्री इस समय काफी सुस्त है।
इस सुस्ती के बीच मारुती सुजुकी इंडिया के 3000 हजार से ज्यादा अस्थायी कर्मचारियों की नौकरी चली गयी है यह पहली बार नहीं है जब मारुती सुजुकी में छंटनी की खबर आयी है इससे पहले भी मारुती सुजुकी के 1000 अस्थायी कर्मचारियों के नोकरो गंवाने की खबरों ने सुर्खिया बटोरी थी इसी बीच अशोक लीलैंड ने भी कर्मचारियों को कंपनी छोड़ने के लिए ऑफर दिया है।
बता दें कि प्रोडक्शन और बिक्री में भारी गिरावट की वजह से अप्रैल माह से अब तक ऑटो सेक्टर में करीब 2 लाख से ज्यादा नौकरियां जा चुकी हैं एक न्यूज एजेंसी के अनुसार मारुती सुजुकी के चेयरमेन आरसी भार्गव ने कहा की ऑटो इंडस्ट्री में नरमी को देखते हुए अस्थायी कर्मचारियों के कॉन्ट्रेक्ट को आगे नहीं बढ़ाया गया।
हालाँकि अस्थायी कर्मचारियों पर इस्सके प्रभाव नहीं पड़ा भार्गव ने कहा , 'यह बिजनेस का हिस्सा है, जब मांग बढ़ती है तो कॉन्ट्रैक्ट पर ज्यादा कर्मचारियों की भर्ती की जाती है और जब मांग घटती है तो उनकी संख्या कम की जाती है भार्गव ने इसके साथ ही यह भी कहा कि मारुति सुजुकी से जुड़े करीब 3000 अस्थायी कर्मचारियों की नौकरी चली गई है।
भार्गव ने दोहराया कि ऑटो सेक्टर अर्थव्यवस्था में सेल्स, सर्विस, इंश्योरेंस, लाइसेंस, पेट्रोल पंप, ट्रांसपोर्टेशन से जुड़ी नौकरियां सृजित करता है उन्होंने चेताया की बिक्री में थोड़ी सी गिरावट पर बड़े पैमाने पर असर पड़ सकता है इस बीच, ऑटो इंडस्ट्री की एक अन्य बड़ी कंपनी अशोक लीलैंड ने कार्यकारी स्तर के कर्मचारियों के लिये कंपनी से अलग होने की योजना की घोषणा की है।
इसके तहत कम्पनी ने कर्मचारियों के लिए नोटिस जारी कर स्वेच्छिक सेवा निवृति योजना औरकर्मचारी अलगाव योजना का ऑफर दिया है कम्पनी ने ये योजना ऐसे समय में पेश की है जब कर्मचारी बोनस बढ़ाने की मांग को लेकर हड़ताल पर है ऑटो इंडस्ट्री लगातार बुरे दौर से गुजर रही है. बीते 9 महीने व्हीकल्स के प्रोडक्शन और सेल्स में गिरावट देखने को मिल रही है।
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