रामायण के बाद हनुमान जी कहाँ गायब हो गए ये रहस्य किसी को पता है ?

रामायण का नाम लिया जाए हनुमान जी का नाम ना आई यह तो बताओ नहीं सकता हनुमान जी भगवान राम के परम भक्त फुल रामायण में हनुमान जी ने वो काम किया कोई नहीं कर सकता। 

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हनुमान जी में इतनी शक्तियां थी कि 1 मिनट में  लंका को ध्वस्त कर सकते थे  लेकिन भगवान राम की आज्ञा के बिना कुछ नहीं कर सकते थे कभी आपने सोचा है कि रामायण के बाद हनुमान जी कहां गए अचानक से गायब  हो गए कुछ लोग कहते हैं कि हनुमान जी पाताल में जा पहुंचे। 

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 लेकिन क्या यह सच है कई बार लोगों ने जाने की कोशिश की लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ दरअसल रामायण के बाद महाभारत  में  तो हनुमान जी के होने की बात की गई है पहली बार जब भीम जंगल में थे तो रास्ते में उन्हें एक वानर मिला भीम ने उसे अपने रास्ते से हटने के लिए कहा लेकिन उसने कहा कि तुम हटा दो मुझ में इतनी शक्ति नहीं रही। 

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तभी अपनी पूरी शक्ति लगा दी लेकिन उस वानर को हिला भी नहीं पाया तभी भीम समझ गया कि यह कोई साधारण वानर नहीं है और    भीम की मांग पर  उस वानर  ने अपना असली रूप दिखाया तो वह हनुमानजी थे तब भीम को भी बहुत आश्चर्य हुआ था हनुमान जी को देखते ही भीम की आंखें चौंधिया  गई वह  देखते ही बस एकटक देखते रह  गया  उन्हें यकीन नहीं हो रहा था कि सच में हनुमानजी है। 

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असल में भगवान हनुमान जी भीम की शक्ति का घमंड तोड़ने के लिए आये थे  इसके बाद हनुमान जी अर्जुन के रथ पर उनका ध्वज बनकर पूरे महाभारत युद्ध में उनकी रक्षा करते रहे जब हनुमान जी अंत में अपने असली रूप में आए और वहां से चले गए उसके बाद उनका रथ कुछ ही क्षणों में राख का बन गया तब श्री कृष्ण ने अर्जुन को बताया कि वह हनुमान जी थे जिनकी वजह से युद्ध में यह रथ नष्ट नहीं हुआ। 

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 अर्जुन को इस बात का यकीन ही नहीं हो रहा था सिर्फ इतना ही नहीं उसके बाद भी दुनिया के कई हिस्सों में हनुमान जी के होने की बात कही गई चीन, इंडोनेशिया ,कंबोडिया में भी हनुमान जी की अलग-अलग नामों से कहानी सुनाई जाती है अफ्रीका से लेकर अमेरिका तक शक्तिशाली वानर के होने की बात कही जाती है। 

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चौदहवी   सदी में ऋषि माधवाचार्य ने भी हनुमान जी के   होने की बात की थी वही सत्रहवीं सदी में  तुलसीदास  जी ने कहा  की  हनुमान जी ने नहीं उन्हें रामायण का हिंदी अनुवाद करने के लिए कहा था इसके बाद लोगों ने हनुमान जी को देखने और उनके होने का दावा किया था इस तरह से आज भी लोग हनुमान जी के होने की बात करते हैं लोगों का कहना है कि माता सीता ने ही अमरता का वरदान दिया था। 

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