किसी मनुष्य द्वारा देवी-देवताओं केआराधना करना एक सद्गुण माना जाता है लेकिन यही गुण अगर किसी पशु या अन्य जीव में दिखाई दे तो ये आस्चर्य से कम नहीं होगा।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव को नाग बहुत ज्यादा प्रिय है वह गले में हार के स्थान में नाग को ही धारण करते हैं भारत में नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा की जाती है क्या भगवान का नाग से विशेष संबंध है इसकी विज्ञान और अध्यात्म के बारे में अलग ही रहा है लेकिन कुछ घटनाएं हैं जो इन पर पुनः चिंतन करने के लिए विवश कर देती है।
उत्तर प्रदेश के आगरा में स्थित एक गांव है सलेमाबाद सलेमाबाद गांव में प्राचीन शिव मंदिर है स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां पिछले करीब 15 सालों से एक नाग रोज आकर भगवान शिव को नमन करता है इस मंदिर में दूर-दूर से श्रद्धालु शिवजी की पूजा करने आते हैं।
लेकिन ये नाग सभी के लिए जिज्ञासा का विषय बना हुआ है यह नाग रोज मंदिर में आता है और 5 घंटे तक यहां रुका रहता है नाग सुबह 10:00 बजे आता है और शाम को 3:00 बजे वापस लौट जाता है इस अवधि में शिवलिंग के पास ही बैठा रहता है यहां आस-पास के गांव में भी चर्चा है इस नाग से श्रद्धालुओं को कोई भय नहीं है और न हीं कभी इसने नुकसान पहुंचाया है।
हालांकि नाग के मंदिर में प्रवेश करने के बाद मंदिर के द्वार बंद कर दिए जाते हैं कोई भी व्यक्ति मंदिर में प्रवेश नहीं करता है नाग 3:00 बजे के बाद अपने आप चला जाता है उसके बाद लोग मंदिर में भगवान भोलेनाथ के दर्शन करते हैं किसी से इतनी लंबी अवधि से रोज मंदिर में आकर शिवलिंग के पास रुकने का लोगों के लिए आश्चर्य का और श्रद्धा का विषय बना हुआ है।
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