ये मंदिर है पांडवो के अज्ञातवास और महाभारत युद्ध के साक्षी

महाभारत में पांडवों का विशेष स्थान है अगर पांडव ना होते तो महाभारत भी नहीं होती। 

पांडवों की जन्म-कथा, जानिए महाभारत ...

आज हम आपको पांडवों से जुड़े कुछ मंदिरों के बारे में बताते हैं जो पांडवो  के लिए काफी खास थे। 

भद्रकाली मंदिर | चतरा | India 

 1  भद्रकाली मंदिर : इस मंदिर में अर्जुन ने महाभारत के युद्ध से पहले पूजा अर्चना की थी यह मंदिर भी कुरुक्षेत्र के शक्तिपीठों में गिना जाता है। 

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2 हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में जिले में खनियारा स्थित प्राचीन ऐतिहासिक  अंघजर  महादेव मंदिर पांडु पुत्र अर्जुन ने महाभारत युद्ध से पूर्व भगवान श्री कृष्ण के मार्गदर्शन पर स्थान पर बाबा भोले की तपस्या कर उनसे एक अस्त्र प्राप्त किया था। 

Mamleshwar Mahadev Mandir Himachal Pradesh - महादेव का ...

3 ममलेश्वर महादेव मंदिर :यह मंदिर हिमाचल प्रदेश की    करसोग  घाटी के  ममेल  गांव में स्थित है यह मंदिर भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है इस मंदिर का संबंध पांडवों से हैं क्योंकि पांडवों ने अपने अज्ञातवास का कुछ समय इसी गांव में बिताया था। 

Mukteshwar Mandir in Bhuvneshwar Guarantees Moksha

4 मुक्तेश्वर मंदिर: यहां भगवान शिव के साथ ब्रह्मा ,विष्णु, पार्वती ,हनुमान और नंदी जी विराजमान है भगवान शिव के मंदिर में ऐसा विश्वास है कि  यहां देवी और राक्षस के बीच युद्ध हुआ था। 

क्या है कटास राज मंदिर का राज

5 कटास राज मंदिर : पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित हिंदुओं का यह प्रसिद्ध तीर्थ स्थान है यह मंदिर शिव जी को समर्पित है कहा जाता है कि मां पार्वती सती हुई तो भगवान शिव की आंखों से आंसू टपके इसमें एक  कटास  पर गिरा था महाभारत काल में पांडवों ने इन्हीं  पहाड़ियों  में अज्ञातवास किया यहां स्थित कुंड में पांडव प्यास लगने पर पानी की खोज में पहुंचे थे। 

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