अपनी नीतियों और चालाकी से सिकंदर को हराने वाले चाणक्य को कुशल अर्थशास्त्री और राजनीतिज्ञ माना गया है।
उन्होंने अपनी नीति शास्त्र में मनुष्य को मदद पहुंचाने वाले अनेक नीतियों का बखान भी किया है चाणक्य नीति के एक श्लोक में आचार्य उन चीजों के बारे में बताते हैं जिससे मनुष्य को हमेशा नुकसान ही होता है और यह परिस्थितियां व्यक्ति को अंदर ही अंदर बिना आग के ही जला डालती हैं आज हम आपको बताते हैं इन परिस्थितियों के बारे में।
आचार्य चाणक्य के अनुसार के दुष्टो गांव में रहना मनुष्य के लिए खतरनाक है कहते हैं कि बदनाम हो चुके लोगों में गांव में रहने से परोपकारी व्यक्ति अंदर ही अंदर खोखला होता जाता है साथ ही उसके परिवार पर भी गांव का गलत असर पड़ता है इसलिए ऐसे गांव में नहीं रहना चाहिए।
2 कुलहीन सेवा यानी कुकर्म करने वाले लोगों की सेवा करना धर्म के खिलाफ है ऐसे लोगों को सेवा छोड़ देनी चाहिए अगर व्यक्ति हो तो इसका असर भी सेवक की परिवार पर होता है वह सेवा का कभी भला नहीं करेगा।
3 श्लोक के मुताबिक खराब भोजन व्यक्ति को नुकसान पहुंचाता है इसलिए ऐसे खाने को छोड़ देना चाहिए।
4 क्रोध मुखी पत्नी अगर करकस स्वभाव की हो या उसे बहुत गुस्सा आता हो तो पति और परिवार के लिए हानिकारक होती है ऐसे में पति अंदर ही अंदर जलता रहता है और घर में हमेशा क्लेश ही रहता है।
4 मुर्ख या बुद्धिहीन पुत्र का पिता होना परिवार और पिता के लिए हानिकारक है ऐसा पुत्र परिवार के लिए पीड़ा का कारण बनता है चाणक्य के अनुसार मूर्खों को त्याग देना चाहिए यह आपके परिवार को ही नहीं बल्कि पूरे खानदान को नष्ट कर देते हैं।
इस खबर से सबंधित सवालों के लिए कमेंट करके बताये और ऐसी खबरे पढ़ने के लिए हमें फॉलो करना ना भूलें - धन्यवाद
from Bollywood Remind | bollywood breaking news in hindi ,social trade news , bollywood news ,bollywood https://ift.tt/2VPQqCH
0 comments: