आईआईटी जोधपुर के वैज्ञानिकों की एक अध्ययन के मुताबिक बताया कि धूम्रपान करने वाले लोगों को कोरोना से सबसे ज्यादा खतरा है।
इसका दावा इस बात पर किया जा रहा है कि कोरोना सबसे पहले नर्वस सिस्टम को प्रभावित करता है इस अध्ययन में उन लोगों को भी आगाह किया गया है जिनमें covid 19 के लक्षण नजर नहीं आ रहे हैं उनके सूंघने की क्षमता कम हुई और खाते वक्त स्वाद आना कम हो गया है।
अमेरिका केमिकल सोसायटी द्वारा प्रकाशित जनरल में द्वारा प्रकाशित जर्नल में कोविड-19 महामारी की न्यूरोलॉजिकल अध्ययन के मुताबिक लोगों के सुनने और सूंघने की क्षमता कम हो जाती है अध्ययन दल का नेतृत्व सुरजीत घोष ने किया है जो आईआईटी जोधपुर में प्राध्यापक है।
अध्ययन में इस बात का जिक्र किया गया है एक विशेष मानवी ग्राही एचआईसी 2 के संपर्क में आता है जो वायरस के प्रवेश बिंदु पर भी हुआ करता हैऔर ज्यादातर मानव अंगों में फेफड़े से लेकर सांस नली तक इसकी लगभग हर जगह उपस्थिति होती है।
घोष ने कहा covid 19 रोगियों को न्यूरोलॉजिकल संक्रमण की जद में आना धूम्रपान जैसी चीजों से बढ़ सकता है एक प्रायोगिक अध्ययन के मुताबिक धूम्रपान मानव ग्राही और निकोटीनिक ग्राही के बीच संपर्क के चलते कोरोना संक्रमण के खतरे को बढ़ा सकता है अध्ययन में कहा गया है कि जब रोगियों की जांच की जाती है तब उम्रदराज व्यक्ति और पहले से किसी बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति पर धूम्रपान के पड़ने वाले प्रभाव का विश्लेषण किया जाता है तब पता चलता है कि धूम्रपान से ज्यादा खतरा है।
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