मंदिर में किसने देखा सबसे पहले विकास दुबे को ,कौन है 5 लाख रूपये के इनाम का हकदार ,यहां जाने क्या है पूरा माजरा

उत्तर प्रदेश की दुर्दांत अपराधी विकास दुबे को पहचानने और पकड़ने के टीवी पर कहानी सुनाने वाले एसआईएस सिक्योरिटी के कर्मी लखन ने लिखित में माना है कि उसका विकास को पहचानने और पकड़ने में कोई रोल नहीं है। 

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उस पर कंपनी अनुशासनात्मक कार्रवाई कर रही है विकासदुबे पर 5 लाख  का इनाम रखा  गया था पुलिस जांच के पुलिस इनामी बदमाश को पहचानने और पकड़ने वालों से शनिवार को पुलिस लाइन में अधिकारियों ने जानकारी ली है पुलिस जांच के बाद यह तय होगी इनाम के असली हकदार मीडिया में दावा करने वालों में से कौन है। 

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विकास के पकड़े जाने वाले दिन श्री महाकालेश्वर मंदिर में लगी एसआईएस सिक्योरिटी कर्मचारी लखन यादव ने दावा किया था कि उसने और उसके सहकर्मियों ने सबसे पहले विकास को  संदिग्ध  स्थिति में देखा था और दर्शन के पहले ही उसे पकड़ लिया था सिक्योरिटी कंपनी के ब्रांच हेड अरविंद सिंह के अनुसार उसकी ड्यूटी मंदिर के डी गेट पर सती माता स्थल पर थी उसके द्वारा प्रचार प्रसार के लिए ऐसा किया गया था। 

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मीडिया को गलत जानकारी दी गई इस बात को लेकर उसे समझाया गया कि उसकी गलत जानकारी देने के मामले में उस पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा रही है लखन ने कंपनी को लिखित में दिया है कि उसने गलत जानकारी मीडिया को दी है  मंदिर प्रबंध समिति के कर्मचारी गोपाल सिंह कुशवाहा के अनुसार निर्गम द्वार के पास लड्डू काउंटर पर प्रसाद रखने गया था उसी दौरान वहां एक व्यक्ति आया और उसने मुझसे पूछा बेग  कहां रख सकते हैं मैंने उसे पास ही जूता स्टैंड बता दिया वह बैग रखकर चला गया जब वह वापस लड्डू यूनिट लौट रहा था तो मैंने देखा कि सुरक्षा गार्ड और आरक्षक विजय राठौड़ ने उसे बैठा रखा था वह उससे पूछताछ कर रहे थे मैंने उसे पहचाना नहीं था। 

Shopkeeper outside Mahkal temple tipped off security guards about ...

मंदिर के पास हार की दुकान लगाने वाले सुरेश माली ने उसे पहचानने का दावा करते हैं बताया था कि उसकी दुकान पर विकास ने आकर वीआईपी दर्शन का पूछा था उसका मुंह खुला हुआ होने से और सतत रूप से टीवी पर चल रहे उसके फोटो से मैंने पहचान कर मंदिर के सिक्योरिटीज के राहुल यादव को जानकारी दी थी आरक्षक विजय राठौड़ ने बताया कि वह वीआईपी के समीप ड्यूटी पर थे उन्हें संदिग्ध की सूचना मिलने पर उसे रोककर संबंध में जानकारी मांगी तो उसने अपना नाम नवीन बताते हुए आईडी बताइ  जिसमें उम्र 27 वर्ष की थी जबकि सामने खड़ा व्यक्ति 50 वर्ष के लगभग होने का पूछे जाने पर उसने अपना नाम विकास दुबे बताया। 

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तत्काल सूचना चौकी पर देते हुए सभी को अवगत करवाकर संदिग्ध को सिक्योरिटी कर्मचारियों के साथ चौकी पर ले कर आए यहां उसे दोबारा पहुंचने पर उसने अपना नाम विकास दुबे कानपुर बताया उसे पैदल ही महाकाल थाना ले जाकर सौंपा था पिछले 5 वर्षों से मंदिर में सिक्योरिटी का काम कर रहा हूं सुरेश परिचित है उसने सूचना दी तो मैंने उसकी दुकान पर जाकर बातचीत की उसने फोटो में मुझे बताया कि संदिग्ध विकास जैसा लग रहा है मैंने इसकी सूचना चौकी आरक्षक विजय राठौड़ को दी संदिघ्द  से जब इस बारे में पूछा तो उसने नवीन नाम की आईडी निकाल कर बताइ  जो उसकी उम्र से संबंधित मैच नहीं हो रही। 

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