अयोध्या में राम जन्मभूमि पर 5 अगस्त को भव्य श्री राम मंदिर का भूमि पूजन होगा।
भूमि पूजन वाराणसी के काशी विद्वत परिषद से जुड़े तीन ब्राह्मणों की देखरेख में देश के अन्य हिस्सों से आए आचार्य करेंगे लेकिन सवाल यह उठ रहा है कि 5 अगस्त को ही क्यों क्या खास है 5 अगस्त का दिन और आखिर किस तरीके से होगा पूरा पूजन।
पूजन में क्या खास होगा इन तमाम सवालों का जवाब हम आपको बताते हैं दरअसल 5 अगस्त को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भव्य श्री राम मंदिर की आधारशिला के साथ भूमि पूजन करेंगे 5 अगस्त की तिथि को लेकर तमाम तरीके की चर्चाएं हैं सोशल मीडिया पर इन दिनों काफी चर्चा है कि पिछले 5 अगस्त को जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटी और इस साल भव्य श्री राम मंदिर के निर्माण शुरू होगा।
लेकिन अगर शास्त्रों के अनुसार देखे तो इसकी वजह कुछ और ही है काशी विद्वत परिषद के महामंत्री और बीएचयू धर्म विज्ञान संकाय के प्रोफेसर राम नारायण द्विवेदी ने बताया कि दरअसल 5 तारीख को कुछ खास बातों को ध्यान में रखते हुए यह तय किया गया है इसमें दो कुंडलियों को सामने रखा गया।
पहली ब्रम्हांड नायक भगवान राम जिनका मंदिर बनाना है और दूसरा मंदिर का पूजन करने वाले देश के नायक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कुंडली भगवान राम का जन्म लग्न अभिजीत मुहूर्त है 5 अगस्त को पूजन के वक्त अभिजीत मुहूर्त है दूसरी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राशि पीएम मोदी की राशि में चंद्रमा की महादशा चल रही है उनकी राशि वृश्चिक है बृहस्पति की अंतर्दशा है।
माना जाता है कि गुरु की अंतर्दशा में जब धार्मिक कार्य किए जाते हैं तो भव्यता और दिव्यता को प्राप्त करते हैं देश के नायक को इसका यश मिलता है इसके अलावा और राहु और केतु का प्रभाव नष्ट करने के लिए रजत की शिला रखी जाएगी।
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