ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी कोरोना वायरस मेडिसिन को इंसानों पर पहली परीक्षण में सफल पाया गया है।
यह व्यक्ति को सुरक्षित करने साथ ही शरीर की प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाती है इसे जिन लोगों को दिया गया उनके शरीर में वायरस से लड़ने के एंटीबॉडी के साथ-साथ ब्लड सेल्स भी पाए गए जो ज्यादा समय तक के लिए शरीर को प्रतिरोधक क्षमता देते हैं।
वाइट ब्लड सेल्स को टी सेल्स भी कहा जाता है ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी इस शोध अध्ययन का प्रकाशन सोमवार को द लेजेंड पत्रिका में हुआ इस वैक्सीन के पहले चरण का परीक्षण अप्रैल में शुरू हुआ था 18 से 55 साल आयु वर्ग के 1,077 लोग स्वस्थ लोगों को अप्रैल से मई के बीच की खुराक लगाई गई थी।
विज्ञानियों ने पाया कि यह घातक कोरोना वायरस से दोहोरी सुरक्षा देती है आमतौर पर वेक्सीन दिए जाने पर इंसान के शरीर में एंटीबॉडी बनने को सफलता माना जाता है लेकिन अध्ययन में पाया गया कि इस वैक्सीन ने शरीर में एंटीबॉडी बना के साथ ही संक्रमण से लड़ने वाले वाइट ब्लड सेल भी विकसित किए।
यह दोनों साथ मिलकर शरीर शरीर को सुरक्षा देते हैं पहले के अध्ययन में यह पाया गया कि एंटीबॉडी कुछ महीनों में खत्म भी हो सकती है लेकिन टी सेल्स सालो तक शरीर में रहते हैं वैज्ञानिक इन नतीजों से उत्साहित हैं तो है लेकिन उनका कहना है कि अभी इस पर काफी काम किया जाना है अभी यह नहीं कहा जा सकता कि है वैक्सीन कोरोना वायरस को रोकने में कितने सक्षम है।
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