इनकी वजह से आम की बौर में फंफूद लग गए हैं और इससे बौर सुखकर गिरने लगे हैं छत्तीसगढ़ सुरगुजा संभाग के 5 जिलों में इसका असर दिख रहा है जल्दी गर्मी आने और तापमान में भी अचानक बढ़ोतरी की वजह से ऐसी स्थिति बनी हुई है इसीलिए कृषि विज्ञानी भी काफी चिंतित है।
आम के पेड़ों के बोर में भुनगा कीट का प्रकोप है वह पराग चूसते हैं और एक पेड़ से दूसरे पेड़ हो तक पहुँचते हैं उनके द्वारा चिपचिपा पदार्थ पत्तों पर छोड़ा जाता है और वही फफूंद का रूप ले लेता है अंचल में बीज से उत्पन्न होने वाले आम के बड़े पेड़ दिखाई और भी काफी ऊंचाई पर है ऐसे में दवा का छिड़काव भी आसान नहीं है इन पेड़ों पर फफूंद का असर ज्यादा दिख रहा है कृषि विज्ञानियों की सलाह पर किसान छोटे पेड़ों पर दवा छिड़काव कर रही हैं।
कृषि विज्ञानियों के अनुसार पेड़ के चारो और गड्ढा खोद ले और उसमे पानी भर दे इससे नमी बनी रहती है इससे फंफूद नहीं लगती बिल्बो दवा का छिड़काव करे एक सप्ताह बाद कोई भी हार्मोन संबंधी दवा का छिड़काव करे फल लगने लगे तो डायथेम एम-45 दवा का छिड़काव करें।
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