गुरु शुक्राचार्य ने अपने ही दामाद को दे दिया था ये खतरनाक श्राप,जानकर लगेगा तगड़ा झटका !!

देत्यो के गुरु शुक्राचार्य ने अपने तपोबल से काफी शक्तिया प्राप्त की हुयी थी शुक्राचार्य की बेटी का नाम देवयानी था उनकी बेटी का विवाह नहुषा राज के पुत्र ययाति से हुआ था और उसके बाद वो राजा बन गए। 


शुक्राचार्य ने भी इस विवाह के लिए अपनी सहमति दी थी लेकिन उन्होंने विवाह की स्वीकृति से पहले अपने होने वाले दामाद के सामने एक शर्त रखी थी उनकी बेटी के आलावा वो और किसी से रिश्ता नहीं रखेंगे लेकिन इस सख्त हिदायत के बाद भी ययाति का दिल देवयानी की दासी शर्मिष्ठा पर आ गया। 


 शर्मिष्ठा दांव वंश की थी और काफी सूंदर थी एक बार जब शर्मिष्ठा कुए में गिर गयी तो ययाति ने उसे कुए से बहार निकाला और अपने प्रेम को उसके सामने अभिव्यक्त कर दिया ययाति और शर्मिष्ठा दोनों एक दूसरे से प्रेम करने लगे थे लेकिन आचार्य शुक्राचार्य के डर की वजह से वो अपना प्रेम स्वीकार नहीं कर पा रहे थे और इसी क्रम में दोनों ने छिपकर विवाह कर लिया था। 


 परन्तु ये ज्यादा  दिनों तक नहीं छिप सकी और एक दिन देवयानी को इन दोनों के प्रेमप्रसंग के बारे  में पता चल गया। 


इस बात से देवयानी बहुत दुखी हुयी और अपने पिता शुक्राचार्य के सामने बात कह दी इसके बाद उनके पिता आचार्य शुक्राचार्य ने ययाति को तुरंत बूढ़ा होने का श्राप दे दिया लेकिन जब ययाति ने कहा की इसका असर देवयानी पर भी पड़ेगा। 


इसके बाद शुक्राचार्य ने इस बात की एक और अभिव्‍यक्‍ति करते हुए कहा कि अगर ययाति को कोई अपनी जवानी दे देगा तो वो फिर से इस सुख को भोग पाएंगे  ऐसे में ययाति ने जब अपने पांचों पुत्रों से इस बारे में पूछा तो चार बड़े पुत्रों ने साफ मना कर दिया उनके सबसे छोटे बेटे पुरु ने अपने पिता को अपनी जवानी दे दी। 

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