केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वायरस के इलाज के लिए प्लाज्मा थेरेपी का इस्तेमाल पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि प्लाजमा थेरेपी अप्रूव्ड नहीं है प्लाज्मा थेरेपी मरीजों के लिए जानलेवा भी हो सकती है अभी यह सिर्फ प्रयोग के लिए है।
मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में लव अग्रवाल ने कहा कि आईसीएमआर ने साफ-साफ कहा है कि ऐसा कोई सबूत नहीं है जो यह पुख्ता तरीके से कह सके कि प्लाज्मा थेरेपी को फिलहाल कोरोनावायरस के इलाज के लिए सही पाया गया है।
उन्होंने कहा फिलहाल उपयोग मरीजों की जान को खतरे में भी डाल सकता है जब तक आईसीएमआर इसका सर्टिफिकेशन नहीं करता तब तक इस थेरेपी का उपयोग गैरकानूनी है।
इसका उपयोग प्रयोग के तौर पर इस्तेमाल हो सकता है लेकिन उपचार के तौर पर नहीं लव अग्रवाल ने कहा है कि दुनिया के 20 देशों के मामलों के देखे तो हमारे देश के मुकाबले वहां 40 गुना ज्यादा केस हैं जबकि मौतें 200 ज्यादा गुना दर्ज हुई है।
Plasma therapy isn't a proven therapy. It's still in experimental stage, right now ICMR is doing it as an experiment to identify&do additional understanding of this therapy. Till it's approved no one should use it,it'll be harmful to patient&illegal: Lav Aggarwal, Health Ministry pic.twitter.com/MFjgpWyb25— ANI (@ANI) April 28, 2020
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