दक्षिण पूर्वी यूरोप के देश बोस्निया और हर्जेगोविना में पानी के भीतर मौजूद पांच गुफाओं में से एक में दुर्लभ सैलामेंडर मिली है।
इसका स्थानीय नाम बेबी ड्रैगन है यह पिछले 7 सालों से हिली भी नहीं है वैज्ञानिकों ने लंबे समय तक निगरानी करने के बाद बताया ओल्म्स (प्रोटियस एंगिनस)नामक यह उभयचर सैलामेंडर कहलाती है माना जा रहा है यह अंधी होती है अपना 100 साल का जीवन पानी के अंदर बिताती है इसका आवेश आवाज स्लोवेनिया से लेकर क्रोशिया जैसे बाल्कन देशों में भी है।
ओल्म्स जगह बदलने के लिए तभी प्रेरित है जब उसे लगभग साढे 12 साल में एक बार मेटिंग करना होता है गुफा जीवन का अध्ययन करने वाले जीव विज्ञानियों के लिए अच्छी खबर है कि क्रोशिया में 7000 से अधिक ऐसी दुर्गम गुफाएं हैं जो इंसानों की पहुंच से दूर है यहां सैलामेंडर के शरीर केअंश पानी में घुलने के बाद बाहर आए हैं हंगेरियन नेचुरल हिस्ट्री म्यूजियम के ज्यूडिट वोरोस ने बताया इससे पहले ऐसे जानवरों की कल्पना की गई थी यहां भारी बारिश के कारण यह जीव बहकर गुफाओं से बाहर आने के बाद ही हम इन्हें देख पाए हैं।
अन्यथा इन्हें देखने के लिए हमें गोताखोरों करके गुफा में जाना होता है लेकिन आप के पानी में मौजूद अंशो को देखकर यह बता सकते हैं कि वे वहां है या नहीं और वोरोस ने ने बताया उनकी टीम ने एक तकनीक का इस्तेमाल कर सैलामेंडर के एनवायरमेंटल डीएनए पर सर्वे किया है यह तकनीक से पहले अन्य जीवो पर आजमाई गई है लेकिन गुफाओं में पाई जाने वाली प्रजातियों में पहली बार इसका इस्तेमाल किया गया है।
इसके लिए 2014 की गर्मियों में 15 गुफाओं के पानी के सैंपल एकत्रित किए गए थे प्रत्येक गुफा से 2 लीटर पानी लेकर पेपर फिल्टर कर डीएनए निकाला गया इसके बाद यह माना गया कि 10 गुफाओं में मौजूद है।
इस खबर से सबंधित सवालों के लिए कमेंट करके बताये और ऐसी खबरे पढ़ने के लिए हमें फॉलो करना ना भूलें - धन्यवाद
इसका स्थानीय नाम बेबी ड्रैगन है यह पिछले 7 सालों से हिली भी नहीं है वैज्ञानिकों ने लंबे समय तक निगरानी करने के बाद बताया ओल्म्स (प्रोटियस एंगिनस)नामक यह उभयचर सैलामेंडर कहलाती है माना जा रहा है यह अंधी होती है अपना 100 साल का जीवन पानी के अंदर बिताती है इसका आवेश आवाज स्लोवेनिया से लेकर क्रोशिया जैसे बाल्कन देशों में भी है।
ओल्म्स जगह बदलने के लिए तभी प्रेरित है जब उसे लगभग साढे 12 साल में एक बार मेटिंग करना होता है गुफा जीवन का अध्ययन करने वाले जीव विज्ञानियों के लिए अच्छी खबर है कि क्रोशिया में 7000 से अधिक ऐसी दुर्गम गुफाएं हैं जो इंसानों की पहुंच से दूर है यहां सैलामेंडर के शरीर केअंश पानी में घुलने के बाद बाहर आए हैं हंगेरियन नेचुरल हिस्ट्री म्यूजियम के ज्यूडिट वोरोस ने बताया इससे पहले ऐसे जानवरों की कल्पना की गई थी यहां भारी बारिश के कारण यह जीव बहकर गुफाओं से बाहर आने के बाद ही हम इन्हें देख पाए हैं।
अन्यथा इन्हें देखने के लिए हमें गोताखोरों करके गुफा में जाना होता है लेकिन आप के पानी में मौजूद अंशो को देखकर यह बता सकते हैं कि वे वहां है या नहीं और वोरोस ने ने बताया उनकी टीम ने एक तकनीक का इस्तेमाल कर सैलामेंडर के एनवायरमेंटल डीएनए पर सर्वे किया है यह तकनीक से पहले अन्य जीवो पर आजमाई गई है लेकिन गुफाओं में पाई जाने वाली प्रजातियों में पहली बार इसका इस्तेमाल किया गया है।
इसके लिए 2014 की गर्मियों में 15 गुफाओं के पानी के सैंपल एकत्रित किए गए थे प्रत्येक गुफा से 2 लीटर पानी लेकर पेपर फिल्टर कर डीएनए निकाला गया इसके बाद यह माना गया कि 10 गुफाओं में मौजूद है।
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