रावण सनातन धर्म ग्रंथो का ऐसा ग्रंथ है जो खलनायक होते हुए भी स्वयं ईश्वर से सम्मान प्राप्त करता रहा ज्ञानी और विद्वान् व्यक्ति की प्रंशसा स्वयं भगवान भी करते है।
ये रावण की जीवन में चरितार्थ हुई है रावण के ज्ञान का सम्मान भगवान श्री राम भी करते थे लेकिन अहंकार ने उसको गलत रस्ते पर धकेल दिया रावण में इतनी योग्यता थी की वह अपनी इच्छाएं पूरी कर सकता था।
लेकिन प्रकृति के नियमो को बदलने से पहले ही उसको मृत्यु आ गयी आज हम आपको बताते है की रावण कोनसे सपनो को पूरा करना चाहता था।
स्वर्ग तक सीढ़ी चढ़ाना :रावण पृथ्वी और स्वर्गलोक के बीच सीढ़ी बनाना चाहता था ताकि अपनी इच्छा के अनुसार वह किसी को शरीर स्वर्ग भेजा जा सके इंद्रदेव रावण की योग्यता से परिचित थे यही कारण था कि वह उसकी इस इच्छा से भयभीत भी थे।
समुन्द्र का पानी मीठा करना :उस काल में पानी पिने की कोई कमी नहीं थी लेकिन रावण अपने ज्ञान और बुद्धि की वजह से ये जानता था की आने वाले समय में पानी की कमी होगी इसलिए वो समुन्द्र का पानी मीठा करना चाहता था ताकि पानी पिने को लेके कभी कोई संघर्ष ना करना पड़े।
खून का रंग सफेद करना :कई कथाओ के अनुसार रावण खून का रंग सफेद करना चाहता था इसका कारन ये था की अपने बल और पराक्रम से जब वह अपने शत्रुओं का नरसंहार करे तो उनके रक्त के कारण पृथ्वी लाल न हो और जल के माध्यम से उस रक्त को साफ किया जा सके।
सोने में सुगंध भरना :रावण सोने में सुगंध करना चाहता था ताकि दुनिया में सोने में कही भी सोने की उपस्तिथि हो तो सोने का पता चल जाये।
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