क्या अमेरिका और ब्रिटेन में बन रही वेक्सीन काम आएगी भारतीयों के ,यहां जाने क्या कहती है रिसर्च

पूरी दुनिया में तबाही का सबब बना कोरोना वायरस लगातार अपने रूप में बदल रहा है। 

World malaria day 2019 world first malaria vaccine launched in ...

परिवर्तन जीवित प्राणी और वायरस में होता है लेकिन जिस तरीके से और गति से कोरोना वायरस अपने आप को बदल रहा है उतना परिवर्तन किसी और वायरस में नहीं देखने को मिल रहा भले ही  एचआईवी  हो या फिर  हेपेटाइटिस  यही वजह है कि विभिन्न सरकारी और गैर सरकारी संस्थाएं मिलकर भारत में कोरोना वायरस के जीनोम पर रिसर्च कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि इस वायरस में कितना परिवर्तन आ रहा है और यह परिवर्तन किस कदर घातक साबित हो सकता है क्योंकि  कोरोना को लेकर बहुत सवाल है और जवाब बहुत कम है।

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तमिलनाडु और गुजरात दोनों में संक्रमण के 12 हजार से ज्यादा है  लेकिन तमिलनाडु में मरने वालों का आंकड़ा 100 से कम है और गुजरात में 700 से पार ऐसा क्यों इसके पीछे वजह है कि भारत के अलग-अलग राज्य में कोरोना वायरस का जिन्होंने अलग-अलग है तभी यह वायरस रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने के बावजूद बच्चों के लिए कम घातक है और बुजुर्गों के लिए ज्यादा तभी मलेरिया और एचआईवी की दवाई जयपुर के मरीजों पर काम आती है लेकिन दिल्ली के मरीजों पर नहीं।

कोरोना की वैक्सीन और रिसर्च से जुड़े ...

इन सभी सवालों के जवाब तलाशने के लिए अखिल भारतीय स्तर पर जीनोम अनुसंधान किया जा रहा है इस बात की काफी कम संभावना है कि अगर कोरना को लेकर कोई दवाइयां बनती है तो दुनिया के एक कोने में फायदेमंद हो सकती है और दूसरे को नहीं यह भी संभव है कि जो दवाई अमेरिका या यूरोप के मरीजों पर कारगर हो मैं भारतीय मरीजों पर बेअसर हो जाए इसलिए भारत के अंदर एनसीडीसी की मदद से कोविड सैंपल की जांच करके यह तय किया जा रहा है कि हिंदुस्तान में कोरोनावायरस अलग-अलग स्थानों पर कितना  म्यूटेट  बदलाव कर चुका है।

Human trial of corona vaccine started in Britain, microbiologist ...

सीएसआईआर के चीफ वैज्ञानिक मिताली मुखर्जी के मुताबिक जैसे मानव शरीर डीएनए से बना है वैसे ही  covid 19 का वायरस आरएनए से बना हुआ है जब भी एक  में कुछ परिवर्तन आ जाता है इसी परिवर्तन किया जा रहा है कोरोना वायरस की दूसरी वेब  देखने को नहीं मिलेगी कहीं दक्षिण कोरिया की तर्ज पर ठीक हुए मरीज फिर से कोरोना गलत तो नहीं हो जाएंगे और सबसे बड़ी बात कि किस तरह की मरीजों पर कौन सी दवा संक्रमण से लड़ने पर कारगर साबित होगी।

कोरोना वायरस पर क्या कहना है WHO की ...

कोरोना सूक्ष्म जीव से भी तेजी से बदलता है इसका जीनोम हर बार नए व्यक्ति को संक्रमित करते ही बदल जाता है इसलिए सीएसआईआर  के इस शोध  से दिए साफ हो पाएगा कि क्या वाकई अमेरिका और ब्रिटेन में बनने जा रही दवाइयां या वैक्सीन हिंदुस्तान की कोरोना  संक्रमित मरीजों के लिए कारगर है या नहीं।


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