भारत में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है वहीं दूसरी तरफ सरकार ने लॉक डाउन को खोलने की तैयारी भी कर ली है।
कोरोना वायरस को लेकर शोधों में भी काफी इजाफा हुआ है इनमें से कुछ मास्क को लेकर भी शोध हो रहे हैं मास्क के वैसे तो घर पर भी बनाया जा सकता है लेकिन मास्क के के लिए सबसे उपयुक्त कपड़ा कौन सा होता है यह एक सवाल है अगले कुछ समय तक की मास्क की अहमियत कम होती नहीं दिख रही है ऐसे लगता है कि लोगों को मास्क की आदत डालनी होगी फिर भी मास्क को लेकर अब भी लोगों के मन में कई सवाल है।
पुणे स्थित चेस्ट रिसर्च फाउंडेशन और पल्मोकेयर रिसर्च एंड एजुकेशन फाउंडेशन के निदेशक डॉ संदीप सालवी ने हाल ही में कोई के संदर्भ में क्रॉनिक रेस्पिरेट्री डिजीज एक को संबोधित किया यह बिना टीवी के खिलाफ काम करने वाली संस्था REACH ने आयोजित की थी डॉक्टर साल्वी दौरान मास्क से संबंधित सवालों के जवाब दिए।
एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि कई तरह के मास्क उपलब्ध हैं लेकिन अलग -अलग अलग हालातों के लिए उपलब्ध है उन्होंने बताया कि n95 मास्क अपने आसपास मौजूद 300 नैनोमीटर आकार के कणों को 95% तक फिल्टर कर लेता है कई ऐसे मास्क भी है जो इससे ज्यादा कारगर साबित होते हैं जिसे n99 और n 100 लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि है यह मास्क हर मामले के लिए ज्यादा उपयुक्त है इसकी वजह बताते हुए डॉक्टर साल्वी ने कहा कि जहां n 99 और ज़्यादा कोरोना के कणो को फिल्टर करने में सक्षम होते हैं वहीं उनमें सांस लेना काफी मुश्किल होता है इसलिए आमतौर पर n95 का उपयोग ज्यादा होता है इसीलिए हम प्लास्टिक के मास्क नहीं बना सकते हमें 100% तक सुरक्षा दे सकते हैं लेकिन फिर हम सांस नहीं ले सकेंगे।
भारत सरकार पिछले कुछ समय से घर के कपड़ों को दोबारा उपयोग किए जा सकने वाले मास्क के उपयोग की सलाह दे रही है लेकिन सभी कपड़े एक तरह की सुरक्षा नहीं देते पिछले महीने एक शोध में कपास ,रेशम ,शिफॉन और इसे मिले-जुले कपड़ों से बने मास्क की उपयोगिता पर अध्ययन किया गया इस शोध में पाया गया कि जहां एक परत वाले मास्क उतने प्रभावी नहीं रहते वही ज्यादा परत वाले मास्क बहुत ज्यादा प्रभावी होते हैं लेकिन वे तब और प्रभावी रहे जब यह परते अलग अलग कपड़ों की थी।
इस अध्ययन में पाया गया कि कपास और शिफॉन से मिलकर कपड़े 300 मीटर से कम के कणों को प्रभावी तौर पर रोकने में 97 प्रतिशत तक सफल रहते हैं इनमें सोर्स कोव 2 भी शामिल हैं इसी तरह की सुरक्षा n 95 भी दे सकता है यदि उसे सही तरीके से पहना जाए इसके अलावा कॉटन क्विल्ट सामग्री 96% तक सुरक्षा दे सकती है जबकि कपास की छ सो प्रतिशत धागे प्रति इंच की 2 सतहे 82% तक की सुरक्षा प्रदान कर सकती है।
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