महाभारत को हिंदू धर्म में सबसे प्रमुख ग्रंथों में से एक माना जाता है।
इस ग्रंथ में लाइफ मैनेजमेंट के सूत्र बताए गए हैं आज हम आपको बताते हैं कि भीष्म ने युधिष्ठिर को किन लोगों से हमेशा दूर रहने की और दोस्ती ना करने का उपदेश दिया था।
1 क्रोध करने वाला: बेवजह अधिक क्रोध करने वाले व्यवहार का दानव के समान माना जाता है क्रोध करने से मनुष्य हमेशा ही अपना नुकसान करता है और कई बार निंदा और हास्य का पात्र भी बन जाता है वो खुद का जीवन नरक के समन बनता है बल्कि अपने साथ संबंध रखने वालों का व्यवहार भी अपने सम्मान कर देता है ऐसे मनुष्य की संगति सदैव दूरी बना कर रखना चाहिए।
2 शराब पीने वाला :सामाजिक जीवन में सभी के लिए कुछ सीमाएं होती है हर व्यक्ति को उन सीमाओं का हमेशा पालन करना चाहिए लेकिन शराब पीने वाले मनुष्य के लिए कोई सीमा नहीं होती शराब पीने के बाद उसे अच्छे बुरे किसी का भी होश नहीं रहता ऐसे व्यक्ति अपने परिवार और मित्रों को कष्ट पहुंचाने वाला होता है वह किसी भी समय आपकी परेशानी का कारण बन सकता है।
3 जलन या द्वेष रखने वाला :जो मनुष्य दूसरों के प्रति अपने मन में जलन की भावना रखता है वह निश्चित ही छल कपट करने वाला पापी धोखेबाज देने वाला होता है वही दूसरों को नीचा दिखाने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है इसलिए दूसरों से जलन और द्वेष की भावना रखने वाले से दोस्ती नहीं रखनी चाहिए ऐसे व्यक्ति की दोस्ती हमें उसी की तरह दुराचारी बना देती है।
4 नास्तिक :कई लोग ऐसे होते हैं जो भगवान और धर्म में बिल्कुल विश्वास नहीं रखते जिन्हे तो धर्म ज्ञान से कोई मतलब होता है और ना ही देव भक्ति से ऐसे व्यक्ति देव शास्त्रों और धर्म में बिल्कुल विश्वास ना होने की वजह से अधर्म और भी पापी होते हैं झूठ बोलना, बुरा व्यवहार करना और दूसरों को दुख पहुंचाना उनका स्वभाव बन जाता है इसलिए वह खुद तो नर्क का जीवन जीते हैं साथ ही उसके साथ संबंध रखने वाले व्यक्ति भी वैसा ही जीवन जीता है इसलिए व्यक्ति की संगति से दूरी बनाए रखनी चाहिए।
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