क्या गंगा का पानी कोरोना वायरस को खत्म करने में सक्षम है गंगा को साफ़ करने वाली संस्था ने ICMR से की जाँच की मांग

  सदियों से ऐसी मान्यता रही है कि गंगा का पानी कई प्रकार के रोगों से लड़ने की क्षमता रखता है। 

गंगा का पानी 39 में से केवल एक स्थान ...

गंगा के ऊपरी भाग में पाए जाने वाले व्यक्ति बक्टेरियोफेजेस   में बैक्टीरिया के खिलाफ लड़ने की क्षमता मानी जाती है हालांकि कोरोना भी एक वायरस यानी विषाणु है गंगा नदी के पानी में कोरोना महामारी से लड़ने की ताकत है क्या करोड़ों लोगों की जीवनदायिनी नदी वैश्विक महामारी से लड़ने की दवा में काम कर सकती है इन सवालों को जवाब ढूंढने के लिए अब गंगा की सफाई के काम की निगरानी करने वाली सरकारी संस्था राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन ने पहल की है। 

अंतर्मंथन: हर की पौड़ी पर गंगा मैया ...

मिशन ने देश में चिकित्सा रिसर्च की सबसे बड़ी संस्था आईसीएमआर पत्र लिखा है 28 अप्रैल को लिखे गए इस पत्र में आईसीएमआर से गंगा खासकर इसके ऊपरी भाग के उन गुणों के वैज्ञानिक रिसर्च को करने का आग्रह किया गया है जिनसे पता चल पता लगाया जा सके कि इसके पानी में  कोरोना  जैसे विषाणु को खत्म करने की क्षमता है या नहीं नदी के  ऊपरी पहाड़ी भागो में ऐसे मौजूद तत्व है या नहीं आईसीएमआर के सूत्रों ने राष्ट्रीय गंगा मिशन से पत्र मिलने की पुष्टि तो की।

Apne Vichar - अपने विचार : गंगा तेरा पानी ...

 लेकिन आगे की योजना के बारे में फिलहाल नहीं बताया पत्र में कहा गया कि नागपुर स्थित नेशनल एनवायरमेंटल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट पहले से ही गंगा नदी के पानी के विशेष गुणों को लेकर एक अध्ययन कर रहा है और इसकी रिपोर्ट आ चुकी है इसी बीच  कोरोना  संकट पैदा होने पर गंगा सफाई अभियान के काम में लगे  कुछ  कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रीय गंगा मिशन को पत्र लिखकर दावा किया कि गंगा नदी के पानी में इस बीमारी के गुण लड़ने के गुण हो सकते हैं। 

गंगा का पानी पीने लायक नहीं

इन कार्यकर्ताओं के पत्र मिलने के बाद 24 अप्रैल को गंगा के मिशन अधिकारियों ने NIRI के वैज्ञानिकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक हुई थी इस बैठक में वैज्ञानिकों की राय थी कि गंगा के पानी में मौजूद है जो बैक्टीरिया जनित बीमारियों सकते हैं पानी में मौजूद बैक्टीरियोफेज में बैक्टेरिया के खिलाफ लड़ने की क्षमता मानी जाती है इसका  अध्ध्य्यन  करवाना जरूरी है   वैज्ञानिकों ने यह जरूर माना है कि गंगा के पानी में वायरस जनित रोगों से लड़ने के लिए विकास की संभावना बाकी  नदियों की  पानी की अपेक्षा कहीं ज्यादा है राष्ट्रीय गंगा मिशन के महानिदेशक राजीव मिश्रा ने एक न्यूज चैनल से कहा कि कार्यकर्ताओं और वैज्ञानिकों के फीडबैक के बाद आईसीएमआर से शोध की सिफारिश की गई है क्योंकि यही मेडिकल रिसर्च में देश की सर्वोच्च संस्था है। 

Ganges Water Becomes Clean, Hills Visible From Jalandhar ...

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