विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक सामुदायिक संगठन में उस स्थिति को कहते हैं जब संक्रमण के अधिकतर मामलों का स्रोत अज्ञात होता है।
सरकार के मुताबिक भारत में अभी तक कोरोना वायरस की सामुदायिक प्रसार की स्थति नहीं आई है हालांकि कुछ विशेषज्ञों इससे सहमत नहीं है वायरस के तीन चरण होते हैं जिसमे में पहला चरण है यह किसी भी वायरस की प्रारंभिक अवस्था है इसमें कोई भी व्यक्ति तक संक्रमित होता है जब वायरस के स्रोत पर पहुंचता है और उसके बाद उस वायरस का वाहक बन जाता है।
दूसरा चरण होता है जिसे स्थानीय संक्रमण भी कहते हैं इसमें वायरस से संक्रमित होने वाले व्यक्ति अपने परिवार या परिजनों के संपर्क में आता है तो उन लोगों तक भी हो जाता है।
तीसरा चरण इस अवस्था को सामुदायिक संक्रमण के नाम से जानते हैं इसमें संक्रमण स्थानीय स्तर पर संक्रमित हुए किसी व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में या वस्तु से किसी व्यक्ति में श्रंखलाबद्ध रूप से तेजी से फैलता है संक्रमित होने वाली व्यक्ति को संक्रमण के स्रोत में के बारे में कोई जानकारी नहीं होती स्रोत के बारे में जानकारी ना होने पर इसे चिन्हित कर पाना भी असंभव हो जाता है।
वहीं दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने मंगलवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में सामने आए कोरोना संक्रमण के 50 फ़ीसदी मामलों में संक्रमण के स्रोत का पता नहीं चल पाया है उन्होंने कहा कि यह घोषित करना केंद्र के ऊपर था कि कोई शहर सामुदायिक संक्रमण के चरण में प्रवेश कर चुका है जैन ने यह भी कहा कि स्थानीय प्रशासन के मुताबिक दिल्ली में संक्रमण तीसरे स्तर की ओर बढ़ रहा है।
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