दुनिया का सबसे अमीर पद्मनाभस्वामी मंदिर एक बार फिर चर्चा में है।
दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि मंदिर के मैनेजमेंट और रखरखाव की जिम्मेदारी त्रावणकौर रॉयल फैमिली की संभालेगी त्रावणकोर रॉयल फैमिली ने ही मंदिर का निर्माण किया था केरल हाईकोर्ट ने 2011 के आदेश को बदलते हुए सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस इंदु मल्होत्रा की बेंच ने फैसला दिया हाईकोर्ट ने मंदिर के रखरखाव की जिम्मेदारी राज्य सरकार को सौंपी थी।
पद्मनाभस्वामी मंदिर को दुनिया का सबसे अमीर मंदिर कहा जाता है फ़ोर्ब्स के आकलन के मुताबिक मंदिर पर 75 लाख करोड रुपए की संपत्ति है यानी पाकिस्तान के बजट से 24 गुना ज्यादा यह मंदिर केरल के तिरुअनंतपुरम में स्थित है मंदिर में भगवान विष्णु विराजमान है यह देश के प्रमुख वैष्णव मंदिरों में एक है अब कोर्ट ने निर्देश दिए हैं कि मंदिर का प्रशासन देखने के लिए अध्यक्ष समिति बना जाए इसके अध्यक्ष जिला जज होंगे समिति के सभी सदस्य हिंदू होंगे।
हालाँकि मंदिर संरंचना देख इसे 16 वि सदी का बताया जाता है त्रावणकोर के राजाओं ने मंदिर का निर्माण कराया था 1750 में महाराज मार्तंड वर्मा ने खुद को पदमनाभ मंदिर का दास घोषित कर दिया था इसके बाद से राजघराना ही मंदिर की सेवा कर रहा था इतना ही नहीं राजघराने ने अपनी पूरी संपत्ति मंदिर को दान कर दी मंदिर की संपत्ति और रोज होने वाली कमाई से राजपरिवार एक पैसा तक नहीं लेता यहां तक कि सदस्य जब मंदिर से घर जाते हैं तो वह पैर में लगी रेत साफ कर देते हैं यानी रेत का एक कण भी अपने साथ नहीं ले जाते मंदिर में साथ है।इस मंदिर में 7 तहख़ाने है 9 साल पहले सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 7 सदस्य टीम ने 5 दरवाजे खोले थे मंदिर के दरवाजे कुल संपत्ति का पता लगाने के लिए खोले गए थे इनमें करीब दो लाख करोड़ रूपए के जेवरात मिले थे इतना ही नहीं सोने के हाथी, पिल्लर, मूर्तियां 18 फीट लंबे हार और सॉलिड नारियल मिले थे।
मंदिर का सातवां तहखाना अभी बंद है बताया जाता है कि दरवाजे में ना तू कुंडी है और ना ही कोई ताला इस खजाने की रक्षा दो साँप करते हैं जिनकी आकृतियां दरवाजे पर बनी हुई है इनकी इजाजत के बिना दरवाजा नहीं खुल सकता जो आखरी तहखाना खुलने की बारी आई तो मार्तंड परिवार परिवार ने अपील की इस रहस्य को ऐसे ही रहना रहने दिया जाए अगर दरवाजा खुला तो प्रलय आ जाएगी इससे पहले 1931 में भी दरवाजे को खोलने की कोशिश की गई थी उस वक्त हजारों नागो ने तहखाने को घेर लिया था।
लोगों को जान बचाकर भागना पड़ा इसी तरह का प्रयास 1908 में भी हुआ था सुप्रीम कोर्ट ने आस्थाओं का ख्याल रखकर सातवा दरवाजा खोलने से रोक दिया इसके मुताबिक अगर दरवाजा खुलता है तो उसके पीछे इतनी अकूत दौलत है कि मंदिर की कुल संपत्ति ₹750000000 हो जाएगी मौजूदा वक्त में मंदिर के पास दो लाख करोड़ की संपत्ति है।
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