कोरोना पॉजिटिव हो चुके लोग इलाज के बाद ठीक रहते हैं लेकिन उनके फेफड़े उतने ही ठीकनहीं रहते जितने वह खुद दिखाई देते हैं।
अगर वह अपने फेफड़ों की जांच करवाएं तो उनके फेफड़े एक बुरी तरह से धूम्रपान करने वाले इंसान से भी ज्यादा खराब होते हैं यह बात कही है टैक्सास टेक यूनिवर्सिटी हेल्थ साइंसेज सेंटर के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर ब्रिटनी बैकहैंड केंडल।
डॉक्टर ने तिन तरह के लोगों की जांच की है इनमें एक पूरी तरह से स्वस्थ व्यक्ति ,एक बुरी तरह से धूम्रपान करने वाला व्यक्ति और एक कोरोना का पेशेंट शामिल था इन तीनों लोगों में सबसे ज्यादा खराब है फेफड़े कोरोना के पेशेंट रह चुके व्यक्ति के थे डॉक्टर मार्च से अब तक कोरोना के हजारों पेशेंट का इलाज कर चुके हैं और डॉक्टर ने तीनों के फेफड़ों तश्वीर को अपने ट्विटर अकाउंट पर भी पोस्ट किए हैं उन्होंने इसे फर्क को बेहतर तरह से समझाया है डॉक्टर ने अलग-अलग लोगों के फेफड़ों के एक्सरे को कंपेयर किया स्वस्थ इंसान के एक्सरे बिल्कुल साफ दिख रही हैं और इसमें ज्यादा काला स्पेस है जिससे यह पता चलता है कि यह व्यक्ति हवा को ज्यादा मात्रा में और ज्यादा देर तक इन्हेल कर सकता है।
धूम्रपान करने वाले के फेफड़े में घाव और जमाव साफ नजर आ रहा है जो खतरे की घंटी है कोरोना पॉजिटिव रहे पेशेंट के फेफड़े जो लगभग पूरी तरह से सफेद दिख रहे हैं इसका मतलब है कि फेफड़े पूरी तरह से खराब हो चुके हैं डॉक्टरों ने कहा कि को कोरोना पॉजिटिव से नेगेटिव हुए किसी व्यक्ति से उसका हाल पूछने परवह कहता है कि वह पूरी तरह से ठीक है मुझे कोई दिक्कत नहीं है लेकिन असलियत में उनके फेफड़े बिल्कुल ठीक नहीं होते जो आगे जाकर उन्हें दिक्कत दे सकते हैं।
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