मुस्लिम महिलाओ को तीन तलाक से निजात दिलाने के वादे को मोदी सरकार ने पूरा कर दिया है तीन तलाक बिल 2019 पर संसद के दोनों सदनों की मुहर लग चुकी है।

अब राष्ट्रपति की मुहर लगते ही ये कानून प्रभावी हो जायेगा इसके बाद एक समय में अपनी पत्नी को तलाक -तलाक कहना अपराध होगा और आरोपी को तीन साल तक कैद और जुरमाना भुगतना पड़ सकता है तीन तलाक पर ये प्रावधान बनाये गए है।

1 मौखिक, लिखित या किसी अन्य माध्यम से कोई पति अगर एक बार में अपनी तीन तलाक देता है तो वह अपराध की श्रेणी में आएगा।

2 तीन तलाक देने पर पत्नी स्वयं या उसके करीबी रिश्तेदार ही इस बारे में केस दर्ज करा सकेंगे।

3 महिला अधिकार संरक्षण कानून 2019 बिल के मुताबिक एक समय में तीन तलाक देना अपराध है इसलिए पुलिस बिना वारंट के तीन तलाक देने वाले आरोपी पति को गिरफ्तारकर सकती है।

4 एक समय में तीन तलाक देने पर पति को तीन साल तक कैद और जुर्माना दोनों हो सकता है मजिस्ट्रेट कोर्ट से ही उसे जमानत मिलेगी।

5 मजिस्ट्रेट बिना पीड़ित महिला का पक्ष सुने बगैर तीन तलाक देने वाले पति को जमानत नहीं दे पाएंगे।

6 तीन तलाक देने पर पत्नी और बच्चे के भरण पोषण का खर्च मजिस्ट्रेट तय करेंगे जो पति को देना होगा।

7 तीन तलाक पर बने कानून में छोटे बच्चो की निगरानी व रखवाली माँ के पास रहेगी।

8 नए कानून में समझौते के विकल्प को भी रखा ह्या है हालाँकि पत्नी के पहल पर ही समझौता हो सकता है लेकिन मजिस्ट्रेट के द्वारा उचित शर्तो के साथ।
इस खबर से सबंधित सवालों के लिए कमेंट करके बताये और ऐसी खबरे पढ़ने के लिए हमें फॉलो करना ना भूलें - धन्यवाद

अब राष्ट्रपति की मुहर लगते ही ये कानून प्रभावी हो जायेगा इसके बाद एक समय में अपनी पत्नी को तलाक -तलाक कहना अपराध होगा और आरोपी को तीन साल तक कैद और जुरमाना भुगतना पड़ सकता है तीन तलाक पर ये प्रावधान बनाये गए है।

1 मौखिक, लिखित या किसी अन्य माध्यम से कोई पति अगर एक बार में अपनी तीन तलाक देता है तो वह अपराध की श्रेणी में आएगा।

2 तीन तलाक देने पर पत्नी स्वयं या उसके करीबी रिश्तेदार ही इस बारे में केस दर्ज करा सकेंगे।

3 महिला अधिकार संरक्षण कानून 2019 बिल के मुताबिक एक समय में तीन तलाक देना अपराध है इसलिए पुलिस बिना वारंट के तीन तलाक देने वाले आरोपी पति को गिरफ्तारकर सकती है।

4 एक समय में तीन तलाक देने पर पति को तीन साल तक कैद और जुर्माना दोनों हो सकता है मजिस्ट्रेट कोर्ट से ही उसे जमानत मिलेगी।

5 मजिस्ट्रेट बिना पीड़ित महिला का पक्ष सुने बगैर तीन तलाक देने वाले पति को जमानत नहीं दे पाएंगे।

6 तीन तलाक देने पर पत्नी और बच्चे के भरण पोषण का खर्च मजिस्ट्रेट तय करेंगे जो पति को देना होगा।

7 तीन तलाक पर बने कानून में छोटे बच्चो की निगरानी व रखवाली माँ के पास रहेगी।

8 नए कानून में समझौते के विकल्प को भी रखा ह्या है हालाँकि पत्नी के पहल पर ही समझौता हो सकता है लेकिन मजिस्ट्रेट के द्वारा उचित शर्तो के साथ।
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