प्रेग्नेंसी हर महिला के लिए जीवन भर याद रहने वाला समय होता है इस समय उसके शरीर में काफी बदलाव देखने को मिलते है।
कभी वह गर्भवती होने से काफी खुश होती है तो कभी परेशान भी की जल्दी से डिलवरी हो जाये लेकिन आजकल के बदलते दौर में नॉर्मल डिलेवरी काफी कम होती है ज्यादातर मामले में सिजेरियन डिलवरी हो की जाती है लेकिन इसके कई नुकशान भी है लेकिन कई महिलाये पहले बच्चे सिजेरियन होने के बाद दूसरा बचा नॉर्मल डिलीवरी से चाहती है लेकिन एक मिथ है पहला बच्चा अगर सिजेरियन डिलेवरी से हुआ है तो दूसरे के टाइम नॉर्मल डिलवरी मुश्किल हो जाती है इनसे जुड़े कई सवालों के जवाब एक डॉक्टर ने दिए है जो इस तरह से है।
1 नोवे महीने में बच्चे का वजन :अगर वजाइनल बर्थ का विकल्प चुनना है तो इसके लिए नौंवे माह में बच्चे के वजन पर नजर रखना जरूरी है बच्चे का वजन काफी हद तक यह तय करता है की डिलवरी नॉर्मल होगी या सिजेरियन से।
2 दोनों प्रेग्नेंसी के बीच का अंतर् :अगर आप सी -सेक्शन के बाद नॉर्मल डिलवरी का विकल्प चुनना चाहते है तो इसके लिए सबसे पहले इस बात पर ध्यान देना होगा की आपकी दोनों प्रेग्नेन्सीज में कितना अंतराल है कम स एकम 18 महीने का अंतर् जरूरी माना गया है।
3 बच्चे की स्थति :डिलवरी के समय बच्चे का एयर निचे की तरफ होना चाहिए ऐसा न होने पर स्थति की और जायदा झुक जाती है।
4 पहली प्रेग्नेंसी के दौरान आखिर क्यों सिजेरियन करना पड़ा इसके पचे करने को भी नजर रखा जाता है इस बात का पूरा ध्यान दिया जाता है इस बार भी वही कारन तो नहीं बने हुए है।
5 आपके घाव कितने भर चुके है इस बात का भी पूरा ध्यान रखा जाता है।
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