रावण नाम सुनते ही एक अहंकारी राक्षस का चेहरा सामने आता है रावण ने अपने जीवन काल में युद्ध कई युद्ध किए उसने सभी विजय सभी में विजय प्राप्त की।
लेकिन भगवान श्री राम सेवा युद्ध हार गया और उसका अंत हो गया धर्म ग्रंथों के अनुसार रावण का अंत केवल श्री राम की वजह से नहीं हुआ बल्कि कई श्राप भी उसके अंत के कारण बने हम बताते हैं कि किन किन लोगों के श्राप के कारण रावण का अंत हुआ।
1 वाल्मीकि रामायण के अनुसार रावण की कुदृष्टि सीता पर पूर्व जन्म में भी पड़ी थी जिस कारण माता सीता ने रावण को श्राप दिया था कि उसकी वजह से ही रावण का अंत होगा माता सीता की पूर्व जन्म का नाम वेदवती था जो देवी लक्ष्मी के अंश से उत्पन्न हुई थी।
2 भगवान राम के वंश में अन्य नाम के राजा थे राजा अनरण्य रवण के साथ भयंकर युद्ध हुआ था इस युद्ध में अनरण्य राजा की मृत्यु हो गई लेकिन मरने से पहले रावण को श्राप दिया था कि मेरे ही वंश का युवक तुम्हारी मृत्यु का कारण बनेगा।
3 एक बार रावण भगवान शंकर से मिलने कैलाश पर्वत पर गया था उसने वहां भगवान के वाहन नंदी के स्वरूप की हंसी उड़ाई और बंदर जैसा मुंह वाला भी बताया था तब नंदी ने रावण को श्राप देकर कहा था कि तेरा सर्वनाश बंदरों के कारण ही होगा।
4 रावण ने अपनी पत्नी की बहन बड़ी बहन माया का भी सतीत्व भंग करने की कोशिश की थी माया ने रावण को श्राप दिया जिस तरह तुमने मेरा सतीत्व भंग करने का प्रयास किया है इस तरह तुम्हारी मृत्यु का कारण भी एक स्त्री ही बनेगी।
5 रावण ने में अपने भाई कुबेर के बेटे नल कुबेर की होने वाली पत्नी अप्सरा रंभा को अपनी वासना के लिए पकड़ लिया तब रम्भा ने कहा था कि मैं आपकी पुत्रवधू के समान हूं लेकिन रावण नहीं माना उसने रंभा के साथ दुराचार किया इस बात की जानकारी जब नल कुबेर को मिली तब उसने रावण को श्राप दिया कि तुम्हारी मृत्यु एक स्त्री के कारण होगी और तुम किसी स्त्री के साथ जबरदस्ती का प्रयास करेगा तो तुम्हारे सिर के टुकड़े हो जाएंगे।
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