दुनिया में कोरोना संक्रमण का आंकड़ा 47 लाख पार कर चुका है।
सबसे ज्यादा प्रभावित देशों में अमेरिका के बाद सारे बड़े यूरोपीय देश है वही स्लोवाकिया ने में कोरोना पॉजिटिव लोगों की संख्या मात्र 1493 है जिनमें 28 मौतें शामिल है जॉन हापकिंस यूनिवर्सिटी के मुताबिक यहां कोरोना के कारण बढ़ती दर पर यूरोप में सबसे कम दर्ज हुई और 8 मई से यहां कोई नया केस भी नहीं आ रहा है।
इसे देखते देश ने खुद को कोरोना मुक्त घोषित कर दिया है अब धीरे-धीरे यहां जीवन सामान्य ढर्रे पर आ रहा है 6 मार्च को कोरोना का पहला मामला आने के 10 दिनों के अंदर ही स्लोवाकिया ने लॉक डाउन लगा दिया बॉर्डर सील कर दिए ,स्कूल-कॉलेज बंद हो गए और फेस मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया यहां तक कि देश के प्रेसिडेंट और प्राइम मिनिस्टर मास्क में नजर आने लगी इससे लोगों की भी संदेश दिया कि मास्क पहनना कितना जरूरी है।
वहीं अगर सबसे विकसित देश माने जाने वाले अमेरिका की बात करें तो स्लोवाकिया से 7 गुने से भी ज्यादा आबादी वाले इस देश में पहला कोरोना पॉजिटिव जनवरी में आया लेकिन उसके बाद भी लॉक डाउन और सीमाएं बंद करने जैसे फैसले काफी देर से लिए गए वहीं तीन मुख्य बातें हैं जो स्लोवाकिया को कोरोना के मामले में सक्सेस स्टोरी बनाती है।
देश की राजनीतिक लीडरशिप प्रेसिडेंट Zuzana Čaputová की सरकार संक्रमण के दौरान ही सत्ता में आई लेकिन इसके बाद भी उन्होंने संक्रमण पर तुरंत एक्शन लिया यहां तक कि अपने शपथ ग्रहण समारोह में भी प्रसिडेंट और सरकार के लोग मास्क की में रहे इससे आम लोग भी तुरंत मास्क पहनने लगे दूसरे देशों जैसे अमेरिका में भी प्रसिडेंट या वाइस प्रेसिडेंट माइक पेंस ने सार्वजनिक तौर पर ही मास्क पहनने से इनकार कर दिया ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन भी अब तक मास्क पहने नहीं दिखे हैं जबकि वह खुद कोरोना संक्रमित हो चुके हैं।
स्लोवाकिया दुनिया के चुनिंदा देशों में से जिसने आउटब्रेक की शुरुआत में ही मास्क अनिवार्य कर दिया जबकि हाल तक वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन भी इसे सिर्फ जरूरी मरीजों के लिए ही बताता रहा लोगों में मास्क बनाने को बढ़ावा देने के लिए देश में ऑनलाइन मुहिम चलाई गई इसमें लोग मास्क पहनकर फोटो डाल रहे थे इससे स्वीकार्यता बढ़ी।
एक रिपोर्ट के अनुसार स्लोवाकिया में इस लाइन पर काम किया गया कि दूसरे को प्रोटेक्ट रखें और आप खुद सुरक्षित रहेंगे पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट की कमी स्लोवाकिया में भी दिखी लेकिन लोगों ने खुद इसे संभालने का जिम्मा लिया जैसे बुटीक चलाने वालों ने मास्क बनाने का जिम्मा लिया और यह आपस की कितने लोगों तक यह पहुंचाएंगे।
तीसरा और बेहद अहम कदम था कि शुरुआत में ही लॉक डाउन लगा दिया गया 6 मार्च को बैंक से लौटे 52 साल के मरीज में कोरोना के माइल्ड लक्षण दिखे पीएम Pellegrini ने उस दिन प्रेस ब्रीफिंग में बताते हुए लोगों को संभलकर रहने की सलाह दी और तुरंत ही बंदी का एक्शन ले लिया गया यहां यह बता दें कि स्लोवाकिया का पब्लिक हेल्थ सिस्टम यूरोपियन देशों जैसे इटली ,फ्रांस ,जर्मनी जैसा मजबूत नहीं यही वजह है कि देश ने खुद को सुरक्षित रखने के लिए पहले ही कार्रवाई की।
नए मामले आने के बंद होने के बाद यहां धीरे-धीरे लॉकडाउन खोला जा रहा है जो कम आबादी वाला देश होने के कारण अपेक्षाकृत आसान है इसके बाद भी स्कूल कॉलेज बंद है और 20 से ज्यादा संख्या में लोगों को इकट्ठा होना है हालांकि छोटे रेस्त्रा , दुकानें ,म्यूजियम ऑफ आर्ट गैलरी से जगह खुली जा रही।
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