देश में तेजी से फैल रहे कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना मरीजों के डिस्चार्ज के नियमों में बदलाव किया है।
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी गाइडलाइन पर तमाम संगठनों ने सवाल उठाए हैं कुछ लोगों ने आरोप लगाया है इससे देश में कोरोना का संक्रमण बढ़ने का खतरा है स्वास्थ्य मंत्रालय नई गाइडलाइन पर उठे सवालों का जवाब देते हुए कहा कि भारत ही नहीं दुनिया के कई बड़े देशों ने समय के हिसाब से अपने स्वास्थ्य नियमों के बदलाव किया है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक दुनिया के कई देशों ने कोरोना मरीजों के डिस्चार्ज को लेकर टेस्ट पर आधारित रणनीति में लक्षण आधारित या फिर टाइम बेस्ड स्ट्रेटजी में बदलाव किया गया है स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक आईसीएमआर के आधारित समीक्षा में देखा गया है कि शुरुआती RT/PCR टेस्ट के बाद कोरोना पॉजिटिव मरीजों की रिपोर्ट में 10 दिन में आती है लेकिन अब हालात में सुधार हुआ है।
हाल की स्टडी बताती है कि वायरल होने के बाद 7 दिनों में मरीज ठीक हो जाते हैं स्वास्थ्य मंत्रालय ने उस सवाल का भी जवाब दिया जिसमें उनसे पूछा गया था कि मरीज के डिस्चार्ज होने के बाद उसे संक्रमण का कोई खतरा होता है स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसके जवाब में कहा मौजूदा साक्ष्य इस तरफ कोई सहारा नहीं कर रहे कि मरीज के डिस्चार्ज होने के बाद भी उससे कोई खतरा होता है।
डिस्चार्ज के बाद मरीज को 7 दिन होम आइसोलेशन के नियमों का पालन करना होता है जिसके कारण इस तरह का कोई खतरा नहीं हो सकता स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से साफ किया गया है कि प्रिटोमेटिक और बहुत हल्के लक्षण वाले केस में होम आइसोलेशन के बाद टेस्ट की जरूरत नहीं है।
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