पूरी दुनिया कोरोना से सहमी हुई है कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए दुनिया भर के वैज्ञानिक इसकी रिसर्च में लगे हुए है।
इन सबके बीच एक नई रिसर्च में चौकाने वाला दावा किया गया है इस दावे में कहा गया है कि लोग गोरे लोगों की तुलना में काले लोग कोरोना से सबसे अधिक प्रभावित होंगे और उनकी मौत हो रही है यह रिपोर्ट पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड द्वारा जारी की गई है करीब 84 पेज की रिपोर्ट में बताया गया है कि डार्क स्किन कलर और एशियन नेटिव लोगों की संख्या कोरोना संक्रमण में सबसे अधिक है।
रिपोर्ट में दिए गए डेटा के आधार पर कहा गया कि हर एक लाख लोगों में कोरोना में जितने केस मिले हैं उनमें डार्क स्किन टोन रखते हैं रिपोर्ट में कहा गया है कि पूरी दुनिया में कोरोना के कारण जितने मरीजों की मृत्यु हुई है उनकी संख्या में स्किन टोन और नेटिव प्लेस के आधार पर तुलना की जाए तो डार्क स्किन टोन वाले मरीजों की संख्या वाइट स्किन टोन की तुलना में दोगुनी है।
रिपोर्ट में इस बात का साफ तौर पर कहा गया है कि स्किन टोन के आधार पर कोरोना पेशेंट्स की स्टडी के पीछे मकसद किसी तरह का रंग भेद नहीं है बल्कि रीजन और स्किन कलर के आधार पर ह्यूमन लाइफ पर कोरोना के प्रभाव को समझना है।
एक निश्चित समय अंतराल में कोरोना के कारण बीमार होने वाली और जान देने वाली महिलाओं की तुलना अगर स्किन टोन के आधार पर की जाए तो रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि वाइट स्किन टोन की महिलाओं की तुलना में ब्लैक स्किन टोन और डार्क स्किन टोन की महिलाओं की संख्या करीब 3 गुनी है।
वाशिंगटन पोस्ट की एक खबर के मुताबिक स्किन टोन के आधार पर कोरोना वायरस के फैक्ट को लेकर स्टडी करने का विचार उस समय आया जब सरकारी मंत्रालय के कर्मचारियों में कोरोना पॉजिटिव पेंशंस में मरने वालों की संख्या डार्क स्किन टोन वालों की अधिक थी।
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