अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस दवा से अपने आप को कोरोनावायरस से बचाने की बात कही।
कोरोना वायरस से बचाने के लिए इस दवा को इतना गुणकारी और असरदार माना गया कि सप्लाई के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर दबाव तक बनाया लेकिन अब अमेरिका की दवा नियामक प्राधिकरण ने इस दवा से कोरोना वायरस के इलाज पर रोक लगा दी है।
अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने सोमवार को मलेरिया रोधी दवा क्लोरो क्वीन और हाइड्रोक्सीक्लोरो क्वीन के कोविड-19 के उपचार के लिए आपात स्थिति में इसका इस्तेमाल करने की मंजूरी को वापस ले लिया इसने कहा कि यह दवाएं वायरस संक्रमण रोकने में संभवत प्रभावी नहीं है।
एफडीए ने कहा कि उसका फैसला हाल की जानकारी पर आधारित है जिसमें क्लीनिकल ट्रायल डाटा के परिणाम भी शामिल है इसमें किसने कहा है कि वर्तमान में अमेरिकी उपचार के दिशा निर्देश भी कोविड-19 के मामलों में इन दवाओं के इस्तेमाल की अनुशंसा नहीं करते हैं।
हाल ही में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि कोरोना वायरस संक्रमण रोकने में हाइड्रोक्सीक्लोरोफिन काफी प्रभावी पाया गया है भारतीय वैज्ञानिकों ने अपने शोध में पाया है कि स्वास्थ्य कर्मियों को कोरोना वायरस से बचाने के लिए हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन कारगर है भारत में ऐसे डॉक्टरों की निगरानी में इलाज के लिए इस्तेमाल को मंजूरी दी गई है।
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