कोरोना संक्रमण रोकने के लिए भी एक और तकनीक सामने आई है जिसका नाम है कोविकोट।
एक परत किसी भी स्तर पर लगाए जाने से उस जगह पर 100 दिनों तक कोरोना वायरस से बचाव हो सकता है इसे लैब से मान्यता मिल गई है और इसकी एंटीवायरस नैनो टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल राष्ट्रपति भवन में भी किया गया है।
दफ्तर हो या लिफ्ट हो या गाड़ी हो या लैपटॉप हो या मोबाइल फोन कोविकोट की एक परत सुरक्षित बना सकती है इसे पहले स्प्रे किया जाता है और फिर 2 मिनट तक छोड़ने के बाद एक कपड़े से पुंछ दिया जाता है इतने भर से 0 . 001 एक माइक्रोन की एक लेयर तैयार हो जाती है एक ऐसी परत जिसे एक-दो दिन यह हफ्ते के लिए नहीं बल्कि 90 दिनों के लिए वायरस और बैक्टीरिया से सुरक्षा मिलती है।
कोविकोट बनाने वाली कंपनी का दावा है कि उनका यह प्रोडक्ट किसी भी सतह या सरफेस पर छिड़कने से उसका पूरे 90 दिनों तक वायरस से बचाव करता है वही कंपनी का कहना है कि उसका यह दावा nbal से प्रमाणित है।
राष्ट्रपति भवन , विदेश मंत्रालय का दफ्तर ,दिल्ली और तमिलनाडु पुलिस मुख्यालय हो या फिर महाराष्ट्र के मंत्रालय इन सभी जगह को भी कोविकोट तकनीक का प्रयोग किया गया है कोविकोट को इस्तेमाल जिन जगहों पर किया गया है वहां कंपनी बकायदा करार का सर्टिफिकेट भी देती है कि कोरोना जैसा वायरस भी 90 दिनों तक कोटिंग की गई सतह पर जिंदा नहीं रह सकता।
कोविकोट तकनीक को भारत सरकार के सीएसआरआईआर से मान्यता मिल चुकी है इसमें एल्कोहल का इस्तेमाल नहीं होता और अल्ट्रावायलेट रेंज से उलट इंसान पर इसका दुष्प्रभाव नहीं पड़ता .
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