भारत में कई धर्म के लोग रहते है कोई मुस्लिम धर्म को मानता है तो कोई सिख धर्म को हर धर्म से जुड़े कई तीर्थ स्थल भी इस देश में देखने को मिल जायेंगे।
धर्म को लेके भारत में कई तरह के अन्धविश्वास और मान्यताये प्रचलति है अपने कई जगहों के बारे में सुना होगा जहाँ मंदिरो में महिलाओ का प्रवेश वर्जित है लेकिन कभी अपने किसी मंदिर के बारे में सुना है जहाँ पर पुरुषो का प्रवेश वर्जित है।
आज हम आपको ऐसे ही एक मंदिर के बारे में बताते है जहाँ पर पुरुषो को इस मंदिर में जाने के लिए महिलाओ की तरह सोलह श्रृंगार करना पड़ता है ये मंदिर है केरल के कोल्ल्म जिले में श्री कोत्तानकुलांगरा देवी मंदिर इस मंदिर में हर साल चाम्याविलक्कू त्योहार मनाया जाता है इस त्यौहार में हिस्सा लेने के लिए यहाँ पर हजारो पुरुष श्रद्धालु आते है।
उनके तैयार होने के लिए अलग से मेकअप रूम बनाया गया है यहाँ पर मंदिर में प्रवेश के लिए महिलाओ की तरह साडी पहनते है बल्कि जूलरी ,, मेकअप और बालों में गजरा भी लगाते हैं इस उत्स्व में शामिल होने के लिए कोई उम्र सिमा नहीं रखी गयी है पुरुषों और महिलाओं के अलावा ट्रांसजेंडर भी इस मंदिर में पूजा-अर्चना करने आते हैं मान्यता है की इस मंदिर में स्थापित देवी की मूर्ति स्वयंभू है।
ये मंदिर अपनी खास परम्परा और मान्यताओं के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है और आपको जानकर हैरानी होगी कि मंदिर के ऊपर कोई छत नहीं है इस राज्य का यह ऐसा एकमात्र मंदिर है जिसके गर्भगृह के ऊपर छत या कलश नहीं हैं मंदिर की स्थापना की कथा इस प्रकार है मान्यता है की सदियों पहले कुछ चरवाहों ने महिलाओ के वस्त्र में पत्थर पर फूल चढ़ाये थे जिसके बाद उस पत्थर से दिव्य शक्ति निकलने लगा इसके बाद इस पत्थर को मंदिर में स्थापित कर दिया गया और तभी से लेकर आज तक इसकी पूजा होती आ रही है।
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