भारी कर्ज के तले दबी एयर इंडिया को खरीदने के लिए एयलाइन के कर्मचारी आगे आए हैं।
सोमवार को टाटा संस एस्सार समूह और स्पाइसजेट लिमिटेड के अलावा एयर इंडिया के वरिष्ठ कर्मचारियों के ग्रुप में भी एयर इंडिया के लिए बोली लगाने में अपनी रुचि दिखाई और एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट दिया है एयर इंडिया के इन 209 कर्मचारियों ने अमेरिका की एक प्राइवेट इक्विटी फर्म Interups Inc के साथ मिलकर एयरलाइन की 50% हिस्सेदारी के लिए बोली लगाई है एक रिपोर्ट के मुताबिक Interups के चेयरमैन लक्ष्मी प्रसाद ने इसकी पुष्टि की है।
एयर इंडिया को खरीदने के लिए आगे आए इन कर्मचारियों में से हर एक कर्मचारी की बोली के लिए एक ₹100000 का योगदान करने के लिए कहा जाएगा अगर ऐसा होता है तो कॉरपोरेट इतिहास का यह पहला केस होगा जब किसी सरकारी कंपनी को उसी कंपनी के कर्मचारी खरीदेंगे हालांकि रिपोर्ट के मुताबिक पायलट और केबिन क्रू की यूनियनों IPG और ICPA ने अपने सदस्यों को इस बोली में हिस्सा नहीं लेने के लिए कहा है क्योंकि मैनेजमेंट ने अब तक उनकी सैलरी कटौती के मुद्दे पर ध्यान नहीं दिया है।
कर्मचारियों के इस समूह का लक्ष्य एयरलाइन में 51% हिस्सेदारी खरीदने का है बाकी49 परसेंट हिस्सेदारी वित्तीय साझेदारी की होगी बोली प्रक्रिया का नेतृत्व एयर इंडिया केकर्मिशियल डायरेक्टर मीनाक्षी मालिक कर रही है उन्होंने बताया कि पुराने कर्मचारी पूरी तरह इस मुहिम में साथ देंगे 200 से से ज्यादा कर्मचारी साथ आ चुके हैं सभी ने एक ₹100000 जुटा लिए हैं इंडिया में कुल 14000 कर्मचारी है।
एयर इंडिया के लिए टाटा समूह ने भी रूचि पत्र दिया है माना जा रहा है कि टाटा ने एयर एशिया इंडिया के जरिए यह EoI सौंपा है जिसमें टाटा संस की मेजोरिटी हिस्सेदारी है अगर टाटा ग्रुप ये बोली जीत जाता है तो एयर इंडिया की 67 साल बाद वापसी घर वापसी हो सकती है आपको बता दें कि टाटा समूह ने अक्टूबर 1932 में टाटा एयरलाइंस के नाम से एयर इंडिया की शुरुआत की थी जिसे भारत सरकार ने 1953 में अपने अधिकार में ले लिया था आपको बता दें कि एयर इंडिया पर करीब 60 हजार करोड़ का कर्ज है। .
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