कोरोना की वजह से अर्थव्यवस्था काफी कमजोर हो गई कोरोना संकट की वजह से वित्त वर्ष 2020 की पहली तिमाही में जीडीपी में 23. 9 फ़ीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।
सरकार इकोनॉमी को वापस पटरी पर लाने के लिए कई तरह की कोशिशें भी कर रही है लेकिन अभी तक इसका कोई असर देखने को मिला नहीं है इस कड़ी में इस बार बजट में कोरोना का असर दिख सकता है केंद्र सरकार की ओर से आने वाली 1 फरवरी को बजट पेश किया जाएगा और इस बजट में अमीरों को कुछ निराशा ही हाथ लग सकती है।
दरअसल केंद्र सरकार ने टैक्स राजस्व में हुई गिरावट निवेश में दिक्कत और टीकाकरण का बोझ जैसी परिस्थितियों के कारण राजस्व बढ़ाने के लिए अमीर लोगों पर कोविड-19 अधिभार लगाने की तैयारी कर रही है केंद्र सरकार की ओर से जल्दी ही कोरोना की वैक्सीन लगाई जाने वाली है ऐसे में टीकाकरण के लिए होने वाले खर्च की भरपाई के लिए सरकार की ओर से सभी विकल्पों पर विचार किया जा रहा है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक अमीरों की आय पर कोविड 19 सेस या सरचार्ज लगाने पर मंथन हो रहा है सूत्रों के मुताबिक बजट में इसके अंतिम घोषणा हो सकती है सरकार की ओर से राजस्व बढ़ाने के लिए इसके अलावा दूसरे विकल्पों पर भी विचार किया जा रहा है कोविड सेस लगाने के बारे में केंद्र सरकार ने प्रस्ताव तैयार किया है जो उच्च आय वर्ग वाले करदाताओं पर लगाया जाएगा।
इसके अलावा अप्रत्यक्ष टैक्स भी बढ़ाने की तैयारी हो रही है पेट्रोल और डीजल पर भी अतिरिक्त कर लगाने की संभावना है शुरुआती अनुमानों के मुताबिक कोरोना वायरस वैक्सीन रोलआउट पर करीब 60,000 से लेकर 65,000 करोड़ रुपये तक का खर्च होगा सरकार ने बताया है कि 16 जनवरी से राष्ट्रव्यापी स्तर पर को रोना कोविड-19 वेक्सिनेशन ड्राइव शुरू किया जाएगा इसके लिए 3 कोर हेल्थ केयर और फ्रंट लाइन वर्कर्स को प्राथमिकता दी जाएगी।
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