सतीश पूनिया के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद बीजेपी की पहली बार समीक्षा बैठक गुरुवार को दिल्ली में हुई।
राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने राजस्थान में पंचायत और चुनाव निकायों में बीजेपी प्रदर्शन पर नेताओं की क्लास ली बैठक में राजस्थान बीजेपी अध्यक्ष सतीश पूनिया ,नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ,नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी, अर्जुन मेघवाल के अलावा प्रदेश संगठन मंत्री चंद्रशेखर और प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह भी शामिल थे इस बैठक में निकाय चुनाव में पार्टी प्रदर्शन पर केंद्रीय नेतृत्व काफी नाखुश नजर आया।
सूत्रों की माने तो नेताओं प्रदेश नेताओं को जेपी नड्डा और बीएल संतोष ने कहा कि अक्सर शहरी वोटर्स बीजेपी का होता है लेकिन पार्टी में आप बड़े नेताओं के आपसी खींचतान और वर्चस्व की लड़ाई के कारण निकाय चुनाव में बीजेपी को काफी नुकसान झेलना पड़ा है पंचायत चुनाव के दौरान अगर पार्टी के सारे नेता एकजुट हो जाते तो बाड़मेर रोड बीकानेर रिपोर्ट भी बीजेपी का बन जाता।
धौलपुर नगर निकाय में बोर्ड नहीं बनने से राजेंद्र राठौड़ बीकानेर में बीजेपी को वोट नहीं बनने पर अर्जुन मेघवाल और बाड़मेर में जीती हुई बाजी हारने पर कैलाश चौधरी की जमकर क्लास ली गई कहा जा रहा है कि पंचायत चुनाव के दौरान बाड़मेर में कर्नल सोनाराम की अनदेखी की वजह से बीजेपी का वोट बनते बनते रह गया इसलिए बीएल संतोष ने कैलाश चौधरी को काफी खरी-खोटी सुनाई बीकानेर में बीजेपी के पास ज्यादा जीते हुए होने के बावजूद भी बीजेपी को वोट नहीं बनने से केंद्रीय नेतृत्व ने काफी नाराजगी जाहिर की है।
सूत्रों का कहना है कि बीकानेर बीजेपी के नेताओं के केंद्रीय नेतृत्व को अवगत करवाया और केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल के बेटे की दखलअंदाजी टिकट वितरण के कारण बीकानेर में पार्टी को काफी नुकसान भी झेलना पड़ा और इससे बीजेपी को वोट नहीं बना बताया जा रहा है कि शिकायत पर केंद्रीय नेतृत्व ने अर्जुन मेघवाल को खरीदना खरी-खोटी सुनाते हुए कहा कि अपनी मनमर्जी से टिकट बांटना सबको साथ नहीं रखने से पार्टी को काफी नुकसान झेलना पड़ा है इसलिए बीएल संतोष ने अर्जुन मेघवाल को काफी सख्त निर्देश दे दिया है कि सबको साथ लेकर चलना ही पड़ेगा।
वही धौलपुर निकाय नगरचुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को Supersede करके टिकट बांटने और उसके बाद बोर्ड बनाने में सलाह मशविरा नहीं करने करना काफी भारी पड़ा इसको लेकर भी केंद्रीय नेतृत्व ने राजेंद्र राठौर को काफी फटकार लगाई और केंद्रीय नेतृत्व ने प्रदेश के अन्य नेताओं नेताओं की शिकायतों को लेकर समीक्षा भी की है।
सूत्रों का कहना है कि प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने हाल ही में प्रदेश का दौरा किया था इस दौरान सांसद विधायक और कार्यकर्ताओं ने अरूण सिंह को फीडबैक दिया था कि पार्टी में कार्यकर्ता कम और नेता ज्यादा हो गए हैं इसलिए पार्टी की किसी को चिंता नहीं है बड़े नेता मुख्यमंत्री बनाने और छोटे नेता अपने निजी हितों के लिए काम कर रहे हैं इस फीड बैक और उनसे मिलने वाली राष्ट्रीय अध्यक्ष के सामने रखा और उसके आधार पर समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया।
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