उदयपुर के मेनार गांव में खेली गई बारूद की होली

यहां के बुजुर्ग बताते हैं मेनार में बारूद की होली खेलने की परम्परा पिछले चार सौ सालों से चली आ रही है। जब मुगलों की सेना मेवाड़ पर हमला करते हुए यहां तक पहुंची तो मेनार के रणबांकुरों ने ऐसा युद्ध किया कि मुगल सेना के पांव उखड़ गए और उसे पीछे हटना पड़ा। जिसके बाद मुगल सेना ने मेवाड़ की ओर कभी आंख उठाकर नहीं देखा। उसी परिदृश्य की याद को ताजा करने के लिए यहां बारूद की होली खेली जाती रही है। 

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