ज्यादातर देखा जाता है की जब भी कोई व्यक्ति श्मशान भूमि से लोटता है तो पहले आकर नहाता है।
अपने पहने हुए कपड़ो को भी खोल कर दूसरे वस्त्र धारण करता है लेकिन क्या आप जानते है ऐसा आखिर क्यों किया जाता है आज हम आपको इसके धार्मिक और वैज्ञानिक कारण बताते है।
वैज्ञानिक कारन के अनुसार माना जाता है की किसी भी व्यक्ति की मौत के बाद उसके शव पर कई तरह के बैक्टीरिया हावी हो जाते है शव के सम्पर्क में आने वाले दूसरे व्यक्तियों के शरीर में भी ये बैक्टीरिया आसानी से फैल सकते है इसके साथ ही दाह संस्कार के बाद पड़ता है जो वहां मौजूद लोगों के शरीर पर भी फैल सकती हैऐसे में शरीर किसी भी बैक्टीरिया की चपेट में ना आये इसलिए अंतिम संस्कार के बाद लोग नहाना जरूरी समझते है।
इसके धार्मिक कारन के अनुसार ऐसा माना जाता है की श्मशान भूमि पर हमेशा नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता रहता है इसलिए इन नकारात्मक उर्जाओ के बुरे प्रभाव से बचने के लिए घर आकर स्नान करना बेहद जरूरी माना जाता है।
क्योंकि औरतें पुरषों से ज्यादा भावुक होती हैं, इसी लिए उन्हें शमशान में जाने से रोका जाता है दाह संस्कार के बाद भी मृतक आत्मा का सूक्ष्म शरीर कुछ समय तक वहां मौजूद रहता है, जो अपनी कुदरत के अनुसार कोई नुकसानदायक प्रभाव भी डाल सकता है।
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