खुद से बात करना सही है या गलत ,यहाँ जाने शोधकर्ताओं की राय

ज्यादातर लोगो को खुद से बात करने की आदत होती है वो रोजाना खुद से बाते करते है। 


कभी-कभी दूसरे लोगो को तो ये गलत लगता हैं या फिर पागलपन की निशानी भी लग सकती है लेकिन क्या अपने कभी सोचा है की खुद से बात करना सही है गलत कही खुद से बात करना कोई मानसिक बीमारी की निशानी तो नहीं तो आज हम आपको इसके पूरी जानकारी देते है। 


अमेरिकी मनोचिकित्सक डॉ. लौरा एफ.डाबनी का मानना है कि  ये बिलकुल नॉर्मल है खुद से बात करना मानसिक बीमारी या  एबनॉर्मलिटी की निशानी नहीं हैसच तो ये है की हम सब खुद स एबट करते है जब हम सार्वजनिक तोर पर खुद जोर जोर से बात करने लगते है तब अजीब हो सकता है। 


लेकिन मन ही मन अपने आप से बात करना गलत नहीं है जैसे की आप जब ऑफिस से घर आ रहे होते हैं तो क्या ऑफिस में बॉस की चिकचिक याद करके खुद से बाते नहीं करतेखुद से बात करने के कई फायदे है। 


खुद से बात करने आदत आपको हेल्दी बनाती है और साथ में आपके लिए काफी मददगार भी होती है अगर हम बुरे समय में खुद से ज्यादा से ज्यादा बात करते है तो इसे आप खुद को मोटिवेट कर रहे है ,रोज की समस्या से निपटने के लिए बात करते रहे। 


लेकिन हम आपको बताते है की कुछ मामलो में इसमें कुछ खतरे भी होते है जैसे की कुछ लोग तो पागल हो जाते है लेकिन ऐसा कम ही होता है ऐसे लोग खुद से बातें कर के खुद को ही हानि पहुंचाते हैं। 

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