अपने ट्रेन में कई बार सफर किया होगा तो अपने अक्सर देखा होगा की जब ट्रेन के गेट के पास वाली खिड़की पर और खिड़कियों की चलने में ज्यादा सेफ्टी दी हुयी होती है लेकिन आपको इसकी कोई जानकारी नहीं है तो हम आपको आज इसकी जानकारी देते है।
जब गाडी रेलवे प्लेटफॉर्म के आलावा बाहरी सिग्नल पर रूकती थी तो निचे जमीन पर खड़े किसी का हाथ खिड़कियों तक नहीं पहुंचता था लेकिन दरवाजे के बगल वाली खड़िकी पर दरवाजा बंद तब भी कोई असमाजिक तत्व फूटस्टेप्स पर चढ़कर पहली खिड़की के अंदर हाथ डालकर यात्री का सामान चोरी कर सकता था या करते थे।
मनचले महिला यात्री के साथ अभद्र व्यवहार भी करते थे यदि वो सो रही है तो गले से चैन खिंच लेते थे फिर इसकी शिकायत रेलमंत्रालय ने प्रीवेंटिव मेजर लिया कि दरवाजे के पास की प्रत्येक खिड़की पर अतिरिक्त लोहे के बार/राड (ग्रिल) लगाई गयीं जिससे बाहर से किसी का हाथ ही अन्दर न जाए और चोरी की कोई घटना ना हो इसके पीछे का मुख्य कारन ये है की कोई भी गेट पर खड़ा व्यक्ति बहार से हाथ डालके चुरा न सके।
बाकी खिड़कियों में आप अपना हाथ बड़ी आसानी से हाथ डाल सकते है यहां तक की एक पानी की बोतल भी बड़ी आसानी से डाल सकते है पर व्ही गेट के बाजु वाली खिड़की में पानी की बोतल तो दूर अपना हाथ भी नहीं डाल सकते है।
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