सर्कार के पास नॉट छापने की मशीन है लेकिन फिर भी देश में पैसे की कमी होती रहती है ऐसे में लोग सोचते होंगे की सरकार के पास खुद के पास नॉट छापने की मशीन होते हुए भी वो नोटों की कमी क्यों आने देती।
एक साथ खूब सारे नॉट छाप के देश की गरीबी को दूर क्यों नहीं करती ऐसे में हम आपके इस सावल का जवाब देते है मान लीजिये किसी देश की सरकार ने बहुत सारे नॉट छाप दिया तो पहले जिन व्यक्तियों के पास 100 -100 रूपये थे अब प्रतीक व्यक्ति के पास 1000 - 1000 रूपये होंगे यानी की टोटल व्यक्तियों के पास 1000×10 बराबर ₹10,000 हो गए मतलब पहले वही 100 किलोग्राम चावल ₹1000 में आ जाता था वहीं अब ₹10,000 में हो गया।
सरकार जितने अधिक नोट छाप देगी तो आप देख सकते है जिन राशियों में पैसे छापे गए उसी राशियों में समानो की कीमते बढ़ गयी मतलब पहले वही 100 किलोग्राम चावल ₹1000 में आ जाता थावहीं अब ₹10,000 में हो गया सरकार जितने अधिक नोट छाप देगी उस देश की उतनी ही महंगाई अधिक हो जाएगी हर इंसान के पास अधिक पैसा आ जायेगा जिससे उसकी परचेजिंग वाली पावर बढ़ जाएगी उसी तरह गुड्स एंड सर्विसेज की रेट भी बढ़ जाएगी इस पूरी कंडीशन को हम मुद्रास्फीति बोलते है दुनिया में केवल दो देश ऐसे हुए है जिन्होंने ये गलती की है।
पहला देश है जर्मनी जर्मनी ने प्रथम विश्वयुद्ध में जब हार गए थे युद्ध में हरने के बाद इनकी स्थति काफी खराब हो गयी इन्होने युद्ध की जरूरतों को पूरा करने के लिए कई देशो से कर्जा लिया युद्ध में हारने के बाद इन पर कर्ज को चुकाने का प्रेशर बनाया गया तो इन्होंने बहुत सारा पैसा एक्स्ट्रा में छाप दिया जिससे कि उनकी पूरी मनी डीवैल्यूड हो गई यानी कि पूरी अर्थव्यवस्था बुरी तरह चरमरा गई जिसका खामियाजा जी इन्हें भुगतना पड़ा।
दूसरा देश था जिम्बाब्वे :जिम्बाब्वे में क्या हुआ था की वो बहुत बुरे दौर से गुजर रहा था तो उन्होंने भी बहुत सारा पैसा छाप दिया तो इससे वही उनकी करेंसी की वेल्यू कम हो गयी और रोजमर्रा की जरूरतों के लिए जैसे की ब्रेड, दूध, दाल, सब्जी, रोटी को खरीदने के लिए भी पैसे भर-भर कर ले जाना पड़ता था।
इस खबर से सबंधित सवालों के लिए कमेंट करके बताये और ऐसी खबरे पढ़ने के लिए हमें फॉलो करना ना भूलें - धन्यवाद
from Bollywood Remind | bollywood breaking news in hindi ,social trade news , bollywood news ,bollywood https://ift.tt/2GV39gA
0 comments: