कोरोना वायरस के संकट के बीच मंगलवार को पहली बार हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में सीएम से लेकर मंत्री अधिकारियों और कर्मचारियों के माह के वेतन का बड़ा हिस्सा रोकने का फैसला किया गया है।

स्वास्थ्य सेवाओं के डॉक्टर पैरामेडिकल स्टाफ सहित सभी अधिकारियों को पूरा वेतन देने के लिए सरकार ने यह फैसला लिया है बैठक में बताया गया है यह लॉकडाउन के कारण पूरे राजस्थान में 17000 करोड रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ है।

इसकी वजह से पूरे मार्च महीने का वेतन रोकने का फैसला किया गया है सीएम, डिप्टी सीएम, सभी मंत्री विधानसभा अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष, मुख्य सचेतक ,उप मुख्य सचेतक और सभी विधायकों के मार्च माह के वेतन का 75 फ़ीसदी से रोका जाएगा।

आईएएस ,आईपीएस और आईएफएस अधिकारियों का मार्च माह का 60% वेतन रोकने का फैसला किया गया है जबकि राज्य सेवा के अधिकारी और कर्मचारियों का वेतन रोका जाएगा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को छोड़कर अन्य कर्मचारियों की वेतन का 30% रखा जाएगा इसके साथ ही रिटायर हुए पेंसर्स की मार्च के महीने की 30% हिस्सा भी स्थगित किया जाएगा।

मंत्रिपरिषद की बैठक में गरीब और जरूरतमंदों को 1500 रूपये की अनुग्रह राशि और देने का फैसला किया गया है 36 लाख़ 51 हजार बीपीएल स्टेट बीपीएल अंत्योदय योजना के लाभार्थियों 25 लाख निर्माण श्रमिक और पंजीकृत स्ट्रीट वेंडर्स जो कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के दायरे में नहीं आते हैं उन्हें पहले ₹1000 की अनुग्रह राशि दी गई थी लेकिन अब इन वर्गों को1500 रूपये की राशि दी जाएगी इस पर ₹500 करोड़ खर्च होंगे।

मंत्रिपरिषद की बैठक में सामाजिक सुरक्षा पेंशन का वितरण 1 अप्रैल से शुरू करने का फैसला किया गया है 1 सप्ताह के अंदर सभी लाभार्थियों को पेंशन वितरण काम करने का लक्ष्य रखा गया है इस पर भी राज्य सरकार प्रसाद 700 करोड़ का भार पड़ेगा फरवरी महीने की पेंशन के रूप में 700 करोड़ रुपए का भुगतान राज्य सरकार ने इस सप्ताह में कर दिया है।
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