कोरोना वायरस अमेरिका में भयंकर तबाही मचा दी है इसे 24 घंटे में 28000 लोगों की मौत हुई है जबकि संक्रमित मरीजों की संख्या 800000 के पार पहुंच गई है।

यहां अब तक 45000 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है पूरी दुनिया में दिसंबर से लेकर अब तक हुए कोरोनावायरस की फैलाव की बात करें तो चीन का वुहान शहर जहां दिसंबर में इसकी शुरुआत हुई थी वहां पर अभी कोरोना काबू में आ चुका है लेकिन इस से 12000 किलोमीटर दूर स्थित अमेरिका के न्यूयॉर्क में इसका सबसे अधिक असर दिख रहा है।

इन सभी के पीछे छिपे कारणों को हमारे लिए यह जानना जरूरी है हम आपको बताते हैं कि किन कारणों की वजह से मैं अमेरिका में इतनी तबाही मची हुई है दरअसल चीन के वुहान में पहला मामला सामने आने के बाद 19 जनवरी को अमेरिका के वाशिंगटन में इसका पहला मामला सामने आया था इसके बाद लगातार इसके मामले अलग-अलग राज्यों में सामने आने लगे बावजूद इसके प्रशासन का ध्यान इस पर काफी देर से गया 22 मार्च को राष्ट्रपति ट्रंप ने मेजर डिजास्टर घोषित किया और गवर्नर ने घर से बाहर न निकलने की हिदायत दी इस पर प्रतिबंध के बाद 4 मई तक बढ़ा दिया गया जिस वक्त चीन ने अपने यहां बाहर आने जाने वाली सभी उड़ानें बंद कर दी थी तब तक 400000 से अधिक लोग चीन से अमेरिका पहुंच चुके थे।

अमेरिका अपने अपने यहां आने वाले विदेशी विमानों में आवाजाही को रोकने में काफी देर कर दी थी इतना ही नहीं 16 मार्च तक में अमेरिका ने इसको सभी देशों के लिए एक समान तौर पर लागू नहीं किया था चीन से आने वाले विमानों में आवाजाही को रोकने के बाद भी लोग देश दूसरे देशों से होते हुए अमेरिका पहुंच रहे थे 14 मार्च को न्यूयॉर्क में कोरोना वायरस की वजह से पहली मौत हुई हालांकि यहां पर 7 मार्च को ही गवर्नर ने इमरजेंसी लॉकडाउन घोषित क्र दिया था और लोगों को घरों में रहने की हिदायत भी दी गई थी इसके बाद भी लोगों ने इसको गंभीरता से नहीं लिया जिसकी वजह से यहां पर हालात बेकाबू हो गए।

23 मार्च को लोगों की भीड़ जमा होने की फोटो वायरल होने के बाद इसे सख्ती लागू करने के आदेश दे दिए चीन में इस वायरस के फैलने के बीच अमेरिका ने चीन को काफी मात्रा में पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्यूपमेंट् दिए थे इस वक्त कोरोना वायरस अमेरिका सहित कई देशों में फैल चुका था इसके बाद भी अमेरिका लगातार बढ़ रहे मामलों पर ध्यान नहीं दिया गया।

वहीं राष्ट्रपति ट्रंप की तरफ से लगातार यही कहा जाता रहा कि अमेरिका इस पर काबू पा लेगा इसलिए इससे डरने की कोई जरूरत नहीं हैवहीं अमेरिका की सबसे बड़ी चूक स्क्रीनिंग को लेकर हुई यहां सिर्फ चीन से आने वाले यात्रियों की जांच की गई है उन लोगों की जांच गई की गई जो चीन से लौटे थे इसके अलावा अमेरिका में ना तो अन्य देशों से आने वाले नागरिकों की जांच की गई और ना ही यात्रियों के संबंधियों की जांच की गई।
वहीं जब डब्ल्यूएचओ ने सभी देशों को लॉक डाउन की सलाह दी तो अमेरिका ने इसे नहीं माना अमेरिका ने लॉक डाउन करने में काफी वक्त लगा दिया इससे या तो ना तो सोशल डिस्टेंसिंग मानी गई और ना गतिविधियाँ रुकी अमेरिका में कई जगह पर चर्चा में भारी भीड़ बढ़ती रही और लोग खुलेआम घूमते दिखे साफ तौर पर नजर आया था कि राज्य और स्थानीय सरकारें भी सोशल डिस्टेंसइन को लेकर गंभीर नहीं है इसलिए यहां कोई सख्ती भी नहीं की गई।
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