कोरोना वायरस का संक्रमण से बचाव के लिए क्वॉरेंटाइन किया जाने का तरीका माना गया है।

जबसे कोरोना वायरस फैला यह सब साथ बार-बार सुनने को मिल रहा है क्वॉरेंटाइन का मतलब है कि जिन लोगों के वायरस से संक्रमित होने की आशंका होती है उन्हें दूसरे लोगों से अलग-थलग रखा जाता है इससे वायरस दूसरों में नहीं फैलता।
पाकिस्तान ने दावा किया है कि क्वॉरेंटाइन का कॉन्सेप्ट एक मुस्लिम वैज्ञानिक का है कहा जा रहा है कि संक्रामक रोगों से बचाव के लिए सबसे पहले इब्न सिना नाम के मशहूर मुस्लिम साइंटिस्ट ने क्वॉरेंटाइन का तरीका इस्तेमाल में लाया था।

सीना वेस्टर्न कंट्रीज में एविशियेना के नाम से भी जाना जाता है उनका समय 980 से 1037 तक बताया जाता है वे साइंटिस्ट होने के साथ ही लेखक, चिकित्सक, बुद्धिजीवी और एस्ट्रोनॉमी थे सीना को मध्य युग के मेडिसिन साइंस का फाउंडर माना जाता है कहा जाता है कि उन्होंने कुल साडे चार सो किताबें लिखीं जिनमें 240 किताबें अभी भी मौजूद है।
उन्होंने डेढ़ सौ किताबे फिलोसोफी पर लिखी और 40 किताबें मेडिसिन पर लिखी है उनकी किताब 'द बुक ऑफ़ हीलिंग' फिलॉसफी और साइंस के क्षेत्र में महत्वपूर्ण मानी गई है उनकी द कैनन ऑफ मेडिसिन मध्यकाल में कई विश्वविद्यालयों में पढ़ाई जाती रही सीना इस्लामिक धर्मशास्त्र के भी बड़े विद्वान थे बहरहाल उन्हें क्वॉरेंटाइन की शुरुआत करने वाला साइंटिस्ट मानना कहां तक उचित होगा इसके बारे में कुछ कह पाना आसान नहीं है।

जहां पर पाकिस्तान का सवाल है वहां पर कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या फिलहाल 8348 हो गई है अधिकारियों के मुताबिक कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित पंजाब प्रांत है।
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