कोरोना वायरस महामारी के मामले लगातार बढ़ने से ppe यानी व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण की मांग भी तेजी से बढ़ रही है और यही वजह है कि मार्केट में सुरक्षा के इन उपकरणों में भारी गिरावट आई है।
कोरोनावायरस प्रकोप के मध्य नजर एम्स ने ppe के पुनः उपयोग के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं साथ ही इस बात पर बल दिया है आमतौर पर ppe का इस्तेमाल एक ही बार किया जाता है और फिर इसे फेंक दिया जाता है क्योंकि अब मार्केट में इस तरह की किट्स मुश्किल से मिल रही है इसलिए इन किट्स को डिसइनफेक्टेड करने के तरीके बताए जा रहे हैं एम्स के दिशा निर्देशों के अनुसार इस वक्त ppe किट के दोबारा इस्तेमाल को बढ़ावा नहीं दिया जा रहा है क्योंकि इससे रिस्पीरेटर की परफॉर्मेंस पर असर पड़ता है लेकिन अगर इन किट्स को डिसइनफेक्ट कर दोबारा इस्तेमाल में लाया जाता है और मौजूदा थोड़े ज्यादा समय के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
एम्स ने कहा covid 19 महामारी होने स्वास्थ्य सेवा सेटिंग में हमारे संस्थानों को जबरदस्त रूप से प्रभावित किया है सबसे जरूरी मुद्दों में से मरीजों की देखभाल में उपयोग किए जाने वाले ppe किट्स की तेजी से कमी आई है यह स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए चिंता का विषय है।
देशभर में हेल्थ केयर कार्यकर्ताओं ने ppe की कमी को कई बार उजागर किया है जिसमें कवरऑल्स, प्रोटेक्टिव ग्लासेज़, मास्क, दस्ताने और जूतों के कवर शामिल हैं एम्स के दिशा निर्देशों के अनुसारसील बंद कमरे में 11% हाइड्रोजन पराक्साइड वाष्प के दोहरीकरण का उपयोग करके कवरऑल्स और n95 मास्क को डिसइनफेक्ट किया जा सकता है।
वहीं 0. 5% सोडियम हाइपोक्लोराइट सॉल्यूशन और 70% एल्कोहल को मिलाकर फेसशील्ड और प्रोटेक्टिव ग्लासेज को साफ किया जा सकता है भारत में कोरोना वायरस के चलते अब तक 166 लोगों की जानें जा चुकी है और करीब 6000 लोग इसके संक्रमण का शिकार हो चुके।
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