कोरोना वायरस को तबाही को रोकने के लिए पूरी दुनिया के वैज्ञानिक लगाए हुए हैं लेकिन अभी तक इसका कोई इलाज नहीं मिला है।
कई वैज्ञानिकों ने दावे भी किए हैं लेकिन इसकी कोई दवा कारगर नहीं है इसी बीच टीबी की बीमारी को रोकने के लिए दिए जाने वाले बीसीजी के टीके को लेकर संभावनाएं जगी है अमेरिका के शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि इससे इम्युनिटी बढ़ती है इस वजह से कोरोना से लड़ने में मदद मिलती है।
इस पद्धति में स्वस्थ व्यक्ति के प्लाज्मा से बीमारी का इलाज किया जाता है एक अध्ययन के अनुसार जिन देशों में लोगों को टीका लगा हुआ है वह कोरोना के कारण मृत्यु दर बाकी देशों के मुकाबले 6 गुना कम है इस सूची में भारत का नाम भी शामिल है जहां आज भी बड़े पैमाने पर बच्चों को बीसीजी का टीका लगाया जाता है।
बेसिलस कैलमेट-ग्यूरिन वैक्सीन का आविष्कार लगभग 100 साल पहले किया गया था यह वैक्सीन ट्यूबरक्लोसिस या टीबी के बैक्टीरिया के खिलाफ प्रतिरक्षा प्रदान करता है कई शोध में इस बात की पुष्टि हुई है कि बीसीजी का टीका लगवाने के बाद लोगों में इम्यूनिटी सिस्टम काफी अच्छा होता है।
यही नहीं कई संक्रमण से खुद को बचाया जा सकता है अमेरिका में किए गए परीक्षण के अनुसार बीसीजी टीकाकरण के 60 साल बाद तक अधिकतर लोगों में टीबी का बैक्टीरिया प्रवेश नहीं कर सका यह टीका कई अन्य संक्रामक रोगों के खिलाफ शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है।
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