भारत में कोरोना वायरस के चलते 21 दिनों का लॉकडाउन जारी है 24 अप्रैल को खुलने वाले इस लॉक डाउन के खुलने की अभी संभावना कम ही है।
इसी के चलते तेलंगना के निजामाबाद की रहने वाली एक महिला शिक्षक प्रदेश में लागू सख्त लॉक डाउन के बीच अपने एक साहसपूर्ण काम की वजह से काफी चर्चा में आ रही है निजामाबाद के बोधायन में एक स्कूल में पढ़ाने वाली रजिया बेगम लॉक डाउन के कारण आंध्र प्रदेश के नेल्लोर में फंसे अपने बेटे को घर वापस लाने के लिए स्कूटी से ही निकल पड़ी।
तकरीबन 1400 किलोमीटर की दूरी स्कूटी से तय कर वह अपने बेटे को घर वापस लाने में सफल रही जानकारी के लिए बता दें कि रजिया ने लॉक डाउन में बाहर निकलने के लिए पुलिस से अनुमति ली थी नेल्लोर पहुंचने तक उन्हें रास्ते में कई जगह पर रुकना पड़ा क्योंकि पुलिस की हर गली नुक्कड़ पर खड़ी थी इस दौरान उन्होंने स्थानीय अधिकारियों को कन्वेंस करते हुए नेल्लोर तक की यात्रा तय की और बेटे को वापस आई।
उन्होंने कहा की इस वक्त यह करना काफी मुश्किल नहीं था आपको बता दे की रजिया का बेटा निजामुद्दीन हैदराबाद में कोचिंग संस्थान में पढ़ाई करता है वह इंटरमीडिएट का छात्र है बीते महीने निजामुद्दीन नेल्लोर के रहने वाले एक दोस्त के साथ बोधन आया था इस दौरान निजामुद्दीन को खबर मिली कि उसके दोस्त के पिता की तबीयत ठीक नहीं है तो अपने दोस्त को लेकर निकल गया इसी बीच कोरोना महामारी के मद्देनजर लॉक डाउनलोड हो जाने के बाद वह घर वापस नहीं आ सका।
बेटे की वापसी की कोई राह ना पाकर रजिया ने बोधान के एसीपी से संपर्क साधा और उन्हें सारी बात बताई और स्कूटी लेकर निकल पड़ी पुलिस से अनुमति ले पत्र लेकर रजिया ने स्कूटी से तकरीबन 1400 किलोमीटर की दूरी तय की रजिया ने बताया कि नेल्लोर जाने के दौरान उसने जंगल के रास्तों का इस्तेमाल किया ऐसा करते समय उसे किसी चीज से डर नहीं लगा वाकई काफी बहादुरी का काम है।
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